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INDIA को भारत करने में खर्च होंगे हजारों करोड़ रुपये

INDIA VS BHARAT Row: INDIA का नाम बदलकर पूरी तरह से भारत करने की चर्चा जोरों पर है। इस तरह की जानकारी सामने आ रही है कि आगामी 18-22 सितंबर तक चलने वाले विधानसभा सत्र के दौरान इस संबंध में बिल लाया जा सकता है। नाम बदले जाने की चर्चा के बीच अब यह भी […]

Edited By : jp Yadav | Updated: Sep 6, 2023 12:59
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PM Modi
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INDIA VS BHARAT Row: INDIA का नाम बदलकर पूरी तरह से भारत करने की चर्चा जोरों पर है। इस तरह की जानकारी सामने आ रही है कि आगामी 18-22 सितंबर तक चलने वाले विधानसभा सत्र के दौरान इस संबंध में बिल लाया जा सकता है। नाम बदले जाने की चर्चा के बीच अब यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि INDIA को पूरी तरह से भारत करने में कुल कितने रुपये खर्च होंगे?

अनुमान के मुताबिक, नाम बदलने पर 14 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। वहीं, इस राशि पर जानकारों को संदेह है। इसके पीछे एक बड़ी और अहम वजह भी है। दरअसल, वर्ष 2016 में दिल्ली से सटे गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम किया गया था।

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तब आइटी क्षेत्र के विशेषज्ञों ने दावा किया गया था कि गुड़गांव से गुरुग्राम करने में 5 हजार करोड़ रुपये के आसपास का खर्च आएगा। इसके साथ ही इस पर 2 से 3 वर्ष का समय लगेगा। ऐसे में INDIA से भारत करने में 14 हजार करोड़ रुपये की रकम बहुत कम लगती है। इस पर अनुमान से अधिक का खर्च आएगा। देशभर में सरकारी संस्थानों के नाम बदलने होंगे।

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आउटलुक इंडिया की रिपोर्ट कहती है कि INDIA को पूरी तरह से भारत करने में 14 हजार 304 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है। यह आंकड़ा जाहिर करने के पीछे आउटलुक ने आधार भी बताया है। उसके मुताबिक, यह आंकड़ा दक्षिण अफ्रीका के वकील डेरेन ऑलिवियर के सुझाए फॉर्मूले के आधार पर पेश किया गया है।

5 वर्ष पूर्व 2018 में स्वैजीलैंड का नाम बदलकर इस्वातीनि किया गया था। इस पर 60 मिलियन डॉलर का खर्च आ रहा है। इसी आधार पर दावा किया जा रहा है कि INDIA नाम बदलने पर 14 हजार करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आएगा।

डेरेन ऑलिवियर का कहना है कि किसी बड़े और प्रतिष्ठित उद्यम के औसतन मार्केटिंग का खर्च उसके कुल राजस्व का 6 प्रतिशत होता है। इसी तरह रिब्रांडिंग में कंपनी के कुल मार्केटिंग का 10 प्रतिशत तक का खर्च आ सकता है, जो कुल राजस्व का हिस्सा होगा।

यहां पर बता दें कि भारत के वित्तीय वर्ष 2023 के आखिर में राजस्व 23.84 करोड़ रुपये थे। इस तरह यह रकम 14 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो जाती है।

 

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jp Yadav

First published on: Sep 06, 2023 12:59 PM

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