Papua New Guinea: पापुआ न्यू गिनी में हुए ज्वालामुखी विस्फोट के कारण पूरे क्षेत्र में भारी तबाही मच गई है। वहां लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे समय में भारत ने अपनी दोस्ती निभाते हुए पापुआ न्यू गिनी में लोगों की मदद के लिए आवश्यक वस्तुओं की पहली खेप रवाना कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक, द्वीपीय देश पापुआ न्यू गिनी में माउंट उलावुन के एक बड़े ज्वालामुखी विस्फोट के कारण 26,000 से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।
दवाइयां और खाद्य पदार्थ भेज रहा भारत
भारत ने ज्वालामुखी विस्फोट के मद्देनजर पापुआ न्यू गिनी के लोगों के लिए HADR यानी मानवीय सहायता और आपदा राहत आपूर्ति भेज दी है। इस खेप में स्थानीय लोगों की जरूरत की कई चीजों को रखा गया है। दरअसल, इन सामग्रियों में आपदा राहत और चिकित्सा सहायता शामिल है।
जानकारी के मुताबिक, इस खेप में 6 टन आवश्यक दवाएं, सर्जिकल आइटम, सैनिटरी पैड, गर्भावस्था परीक्षण किट, शिशु आहार समेत कई आवश्यक चीजें भेजी हैं। इसके अलावा, 11 टन आपदा राहत सामग्री भेजी हैं, जिसमें टेंट, स्लीपिंग बैग, सैनिटरी यूटिलिटीज किट, खाने के लिए तैयार खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
India is sending HADR (Humanitarian Assistance and Disaster Relief) supplies for people of Papua New Guinea in the wake of the volcanic eruption.
---विज्ञापन---The aid comprises disaster relief and medical aid. The supplies include 6 tonnes of essential medicines, surgical items, sanitary… pic.twitter.com/ovh4fqoZKY
— ANI (@ANI) December 21, 2023
मालूम हो कि भारत से पोर्ट मोरेस्बी के लिए एक विशेष चार्टर उड़ान शुरू की गई है, जिसके जरिए भारत ने मदद भेजी है। भारत ने बीते बुधवार को तत्काल राहत सहायता के तौर पर 10 लाख अमेरिकी डॉलर देने की घोषणा की थी।
भारत का पापुआ न्यू गिनी के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध
इस आपदा के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से दुख व्यक्त किया गया था और आश्वासन दिया गया था कि भारत हर संभव मदद के लिए साथ खड़ा है। मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ‘फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स कोऑपरेशन’ (FIPIC) के तहत एक करीबी दोस्त और विकास भागीदार के रूप में भारत सरकार पापुआ न्यू गिनी में राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण का समर्थन करने के लिए तत्काल राहत सहायता प्रदान कर रही है।’
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साथ ही, मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत 2018 में भूकंप और 2019 में ज्वालामुखी विस्फोट समेत प्राकृतिक आपदाओं के कारण संकट और आपदा के समय, पापुआ न्यू गिनी के साथ मजबूती से खड़ा रहा है और आगे भी खड़ा रहेगा।