---विज्ञापन---

देश

1950 से हैं भारत-रूस के रक्षा संबंध, तीनों सेनाएं कर रहीं रूसी हथियारों का इस्तेमाल, पढ़ें रिलेशंस की कहानी

India Russia Defence Relations: भारत और रूस के रक्षा संबंध 1950 से स्थापित हैं और आजादी के बाद से ही भारतीय सेना के तीनों अंग रूसी हथियारों का इस्तेमाल करते आए हैं. वहीं रक्षा और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करके दोनों देश दुनिया को संदेश देते आए हैं कि हिंदी और रूसी भाई-भाई हैं और रहेंगे.

Author Edited By : Khushbu Goyal
Updated: Dec 5, 2025 15:03
India Russia Relations
राष्ट्रपति पुतिन 2 दिन के दौरे पर भारत आए हुए हैं.

India Russia Defence Relations: आजादी के बाद रूस ने न सिर्फ हर मुश्किल दौर में भारत के साथ दोस्ती निभाई, बल्कि पुरी दुनिया को यह संदेश देने में भी सफल रहा है कि हिंदी और रूसी भाई-भाई हैं. भारत की तीनों सेनाएं पिछले कई सालों से रूसी हथियारों और रूसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती आ रही है.

पहली बार रूस से भारत ने इल्यूशिन Il-14 कार्गो ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट साल 1950 में खरीदा था. इसकी अनुमानित कीमत उस वक्त क्या थी, इसका पता नहीं चल पाया है, लेकिन इस डील के बाद साल 1962 धोखे से चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था, जिसका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया था. 1962 भारत के रक्षा मंत्री वीके कृष्ण मेनन थे, लेकिन भारत चीन के युद्ध के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था.

---विज्ञापन---

क्या दूसरे देश के राष्ट्राध्यक्ष का एयरपोर्ट पर स्वागत करने जा सकते हैं भारतीय प्रधानमंत्री? क्या कहते हैं नियम

मिग-21 लड़ाकू विमान रूस से आया

1962 में ही वाई बी चव्हाण को रक्षा मंत्री बनाया गया, जिसके बाद तत्कालीन रक्षा मंत्री चव्हाण ने भारतीय रक्षा ताकत को बढ़ाने पर जोर देना शुरू किया और परिणाम यह हुआ कि भारतीय सेना के तीनों बेड़े में रूस से खरीदे गए फॉक्सट्रॉट क्लास सबमरीन, मिसाइल बोट, एंटी-सबमरीन कॉर्वेट और मिग-21 लड़ाकू विमान को शामिल किया गया था. रूस में बने हथियारों और फाइटर जहाज को शामिल करने के बाद भारतीय सैनिकों का जोश हाई हो गया था.

---विज्ञापन---

साल 1971 में हुए भारत और पाकिस्तान के युद्ध में रूसी हथियारों का इस्तेमाल किया गया था. पाकिस्तान के 2 टुकड़े भी रूस से खरीदे गए इन्हीं हथियारों की बदौलत कर दिया गया था. भारत और रूस के बीच किस तरह का संबंध है, इसे अगर सरल भाषा में समझाया जाए तो सेना और पैरा मिलिट्री में इस्तेमाल हो रहे 60 प्रतिशत हथियार रूस में हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारी टैरिफ भारत के उपर लगा रखा है. लेकिन इसके बावजूद भारत-रूस की डील हुई.

Putin India Visit: मोदी-पुतिन एक गाड़ी में क्यों बैठे? रक्षा विशेषज्ञ ने बताई ये वजह

2 INS युद्धपोत भी रूस से लिए गए हैं

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत और रूस के साथ ताजा रक्षा समझौता फाइटर प्लेन, पनडुब्बी और S-400 एयर डिंफेंस सिस्टम के बीच होने की संभावना है. थल सेना का प्रमुख युद्ध टैंक रूसी T-72M1 और T-90S भी रूस से ही लिया गया है. INS विक्रमादित्य, INS कलवीर भी रूस से ही लिए गए हैं. वर्तमान में भारतीय नौसेना की 16 डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां रूस से ली गई हैं.

थल सेना और पैरा मिलिट्री फोर्स रूस से खरीदी गई AK-47, AK-203 राइफलों का इस्तेमाल कर रही है. ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल ब्रह्मोस मिसाइल को भारत ने रूस के साथ मिलकर बनाया है.

First published on: Dec 05, 2025 02:22 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.