AWACS System: भारत की ओर से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से ही दुश्मन देश बौखला गया है। गुरुवार को पाकिस्तान ने बॉर्डर पर भारी गोलाबारी की। हालांकि भारत ने लगातार जवाबी कार्रवाई कर उसके मंसूबों को नेस्तनाबूद कर दिया। भारत के S-400 मिसाइल सिस्टम ने पाकिस्तान की 8 मिसाइलें और फाइटर प्लेन ध्वस्त कर दिए। इसी के साथ भारतीय सेना को एक और बड़ी कामयाबी मिली। खबर है कि भारत ने पाकिस्तान का AWACS सिस्टम ध्वस्त कर दिया है। इस कामयाबी के बाद माना जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तान एयरफोर्स की कमर तोड़ डाली है। आइए जानते हैं कि क्या है AWACS और इसे ध्वस्त कर भारतीय सेना को कैसे बड़ी कामयाबी मिली है।
क्या है AWACS?
AWACS का अर्थ एयरबोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम होता है। अवाक्स एक प्रकार का विमान है, जिसमें हाई फ्रीक्वेंसी सेंसर और शक्तिशाली रडार लगे हैं। इसे इस तरह से बनाया गया है, जिससे यह अन्य विमानों, मिसाइलों और सतह पर चलने वाले वाहनों का पता लगा सके। इसे दुश्मन के हमले को ट्रैक करने और नियंत्रित करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह सैन्य कमांडरों को प्रारंभिक चेतावनी देने का काम करता है। इसे ‘आसमान में आंख’ के रूप में भी जाना जाता है।
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कैसे होता है मददगार साबित?
यह दुश्मन के एयरक्राफ्ट, मिसाइल और लॉन्ग रेंज व्हीकल्स के खतरों के बारे में चेतावनी देता है। इसके साथ ही कमांडर्स को एयरस्पेस और आसपास के एन्वायर्नमेंट के बारे में रियल टाइम इंफॉर्मेशन देता है। यह एयर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए भी मददगार साबित होता है। अवाक्स फाइटर जेट्स और एयरक्राफ्ट एक्टिविटीज में सामंजस्य बैठाकर टार्गेट्स पर वार करने में मदद करता है। मिलिट्री एयर ऑपरेशन में कमांड और कंट्रोल सेंटर की तरह काम करता है।
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भारत के पास स्वदेशी अवाक्स
आपको बता दें कि भारत के पास ताकतवर AWACS मौजूद हैं। भारत के पास स्वदेशी AWACS विमान ‘नेत्र’ है। इसे 14 फरवरी 2024 को भारतीय वायु सेना को सौंपा गया था। भारत अमेरिका, रूस, चीन, इजराइल, ब्राजील और स्वीडन के बाद अपना खुद का उड़ने वाला रडार बनाने वाला सातवां देश है। भारत ने 2019 में मिराज-2000, सुखोई 30 और अवाक्स की तिकड़ी से आतंकी कैंपों को चुटकियों में नेस्तनाबूद कर दिया था। इन आतंकी कैंपों में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े ट्रेनिंग कैंप शामिल था। भारत के पास इससे पहले तीन AWAC थे। इन्हें रूस से खरीदा गया था। इन्हें IL-76 हैवी लिफ्ट एयरक्राफ्ट पर लगाया गया था। इन्हें इजरायल ने बनाया था। जिनकी रेंज 400 किलोमीटर तक होती है।