पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के तनाव चरम पर है। भारत की ओर से लागू किए प्रतिबंधों के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और वह लगातार गीदड़ भभकियां दे रहा है। हमले के बाद से ही भारत ने द्विपक्षीय व्यापार पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। ऐसे में पाकिस्तान दवाओं की आपूर्ति बंद होने के बाद से ही चिंता में है। उसने दवाइयों की आपूर्ति के लिए इमरजेंसी उपाय खोजने चालू कर दिए हैं।
नये विकल्प तलाश रहा पड़ोसी
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत के साथ व्यापार रुकने के बाद पाकिस्तान की सरकार ने दवाइयों की जरूरत को पूरी करने के लिए दूसरे उपायों पर काम करना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान औषधि विनियामक प्राधिकरण ने पुष्टि की है कि दवा क्षेत्र पर प्रतिबंध के प्रभाव के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है, हालांकि इमरजेंसी प्लान हमारे पास पहले से ही है।
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कच्चे माल के लिए भारत पर निर्भर पाकिस्तान
बता दें कि वर्तमान में पाकिस्तान अपने फार्मास्यूटिकल कच्चे माल के लिए 40 प्रतिशत तक भारत पर निर्भर है, जिसमें सक्रिय फार्मास्यूटिकल सामग्री और विभिन्न उन्नत चिकित्सकीय उत्पाद शामिल हैं। ऐसे में पाकिस्तान चीन और रूस के साथ संपर्क साध रहा है। ताकि अपनी दवा जरूरतों को पूरा कर सके। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा और विनियमन मंत्रालय के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पाकिस्तान अपनी दवाइयों के कच्चे माल का 30-40 प्रतिशत हिस्सा भारत से आयात करता है।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने गोलीबारी की थी। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी। जबकि 17 लोग घायल हुए थे। फिलहाल मामले की जांच एनआईए कर रही है। वहीं दूसरी ओर सेना लगातार एक्शन में हैं। वह अब तक कश्मीर में 8 आतंकियों के घर तबाह कर चुकी है।
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