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इजराइल जैसा आयरन डोम अब भारत में, दुश्मन की एक भी मिसाइल नहीं बचेगी

भारत ने अब इजराइल के मशहूर एयर डिफेंस सिस्टम 'आयरन डोम' जैसा अपना नया और ताकतवर रक्षा कवच बना लिया है। यह देसी टेक्नोलॉजी दुश्मन की मिसाइलों को हवा में ही पकड़ कर नष्ट कर देगी, जिससे हमारे शहर और सैनिक पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे।

Author Reported By : Pawan Mishra Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 22, 2025 17:54
India Desi Iron Dome
India Desi Iron Dome

इजराइल और हमास के बीच हाल ही में जो युद्ध हुआ, उसने एक बहुत बड़ी सच्चाई दुनिया के सामने ला दी है अगर किसी देश के पास मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम (हवाई हमलों से बचाने वाला सिस्टम) नहीं है, तो वह आने वाले युद्धों में खुद को बहुत कमजोर महसूस कर सकता है। इजराइल पर जब हमास, हिजबुल्लाह और ईरान की तरफ से रॉकेट और मिसाइल हमले हुए, तो उसे बचाने में सबसे बड़ा काम “आयरन डोम” नाम के एयर डिफेंस सिस्टम ने किया। इसी बात से सीख लेते हुए अब भारत ने भी अपना खुद का एयर डिफेंस सिस्टम बना लिया है, जिसका नाम है ‘देसी आयरन डोम’। इसे भारत की रक्षा प्रयोगशाला DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) ने बनाया है। यह सिस्टम भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। कुछ समय पहले जब ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की तरफ से भारत पर हवाई हमला हुआ था, तो भारतीय वायुसेना ने अपने “आकशतीर” नाम के एयर डिफेंस सिस्टम से उस हमले को नाकाम कर दिया था। उसी अनुभव के आधार पर अब भारत ने एक और आधुनिक और शक्तिशाली एयर डिफेंस सिस्टम तैयार किया है। अब अगर कोई दुश्मन देश भारत पर मिसाइल या हवाई हमला करेगा, तो “देसी आयरन डोम” उसे आसमान में ही रोक देगा। यह सिस्टम बहुत तेजी से दुश्मन की मिसाइलों को पहचान लेता है और कुछ ही सेकेंड में उन्हें हवा में नष्ट कर देता है। इससे हमारे शहरों, सेना और आम लोगों को बहुत बड़ी सुरक्षा मिलती है। इस नई टेक्नोलॉजी की मदद से भारत अब अपनी सुरक्षा के मामले में और भी ज्यादा मजबूत हो गया है।

सर्विलांस और हमले को रोकने की दोहरी क्षमता

भारत के इस नए एयर डिफेंस कवच की दो बड़ी खासियतें हैं सर्विलांस (निगरानी) और न्यूट्रलाइजेशन (हमला निष्क्रिय करना) सर्विलांस के लिए इसमें अर्ली वॉर्निंग सिस्टम, सर्विलांस ड्रोन, सैटेलाइट और लॉन्ग रेंज ग्राउंड रडार लगाए गए हैं जो दुश्मन के हवाई खतरे का पहले से पता लगा लेते हैं। इसके बाद सिस्टम उस दिशा में सिग्नल भेजता है और सेना को तुरंत अलर्ट कर देता है। हमला रोकने के लिए इसमें सॉफ्ट किल और हार्ड किल टेक्नोलॉजी दोनों शामिल हैं। सॉफ्ट किल में माइक्रोवेव वेव भेजकर ड्रोन या मिसाइल की गति धीमी कर दी जाती है और उसे सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से नष्ट कर दिया जाता है।

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माइक्रोवेव, मिसाइल और लेजर से होगा दुश्मन का अंत

इस सिस्टम में एडवांस टोड आर्टिलरी गन और लेजर बीम टेक्नोलॉजी भी शामिल है, जो बेहद सटीकता से लक्ष्य को नष्ट कर सकते हैं। खास बात यह है कि यह सिस्टम हाई स्पीड ड्रोन, सुपरसोनिक और हाइपरसोनिक मिसाइलों को भी तभी रोक सकता है जब उनका समय रहते पता लगा लिया जाए। इसका सारा डेटा भारतीय सेना के कंट्रोल रूम में जाता है, जहां से तुरंत कार्रवाई की जाती है। यह पूरा सिस्टम अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही DRDO इसे देश के सामने पेश करने वाली है। सॉफ्टवेयर टेस्टिंग चल रही है और सभी हार्डवेयर सिस्टम तैयार हैं।

अब भारत भी बन गया है एरियल डिफेंस में आत्मनिर्भर

दुनिया भर में अब अमेरिका जैसे देश भी ऐसी सुरक्षा सिस्टम पर काम कर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने “गोल्डन डोम” नामक सिस्टम का जिक्र किया था जो किसी भी कोने से या अंतरिक्ष से आने वाली मिसाइलों को रोक सकेगा। भारत की यह देसी सिस्टम इजराइल की तरह सिर्फ भीड़ वाले इलाकों में गिरने वाली मिसाइलों को ही निशाना बनाएगी, जिससे बाकी मिसाइलों को नजरअंदाज किया जा सके और जनहानि से बचा जा सके। अब आने वाले समय में भारत की तीनों सेनाओं के पास एक ऐसा कवच होगा, जो उन्हें हर एरियल हमले से सुरक्षित रखेगा।

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First published on: May 22, 2025 05:54 PM

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