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Tensions In Taiwan: ताइवान में टेंशन के बीच भारत की अपील, कहा- एकतरफा कार्रवाई से बचना होगा

नई दिल्ली: ताइवान में टेंशन के बीच भारत ने संयम बरतने की अपील की है। ताइवान में मौजूदा स्थिति पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कई अन्य देशों की तरह भारत भी हाल के घटनाक्रमों से चिंतित है। उन्होंने कहा कि हम संयम बरतने, स्टेटस को बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई से […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Aug 12, 2022 18:14
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नई दिल्ली: ताइवान में टेंशन के बीच भारत ने संयम बरतने की अपील की है। ताइवान में मौजूदा स्थिति पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कई अन्य देशों की तरह भारत भी हाल के घटनाक्रमों से चिंतित है। उन्होंने कहा कि हम संयम बरतने, स्टेटस को बदलने के लिए एकतरफा कार्रवाई से बचने, तनाव कम करने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रयासों का अनुरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की प्रासंगिक नीतियां सर्वविदित हैं, सुसंगत हैं, उन्हें पुनरावृत्ति की आवश्यकता नहीं है।

एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ‘वन चीन पॉलिसी’ पर भारत की राय के सवाल पर कहा कि भारत की प्रासंगिक नीतियां सर्वविदित और सुसंगत हैं और उन्हें दोहराने की आवश्यकता नहीं है। भारत और चीन के संबंधों के संदर्भ में बागची ने कहा कि हमने संबंधों के विकास के आधार के रूप में आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित की आवश्यकता को लगातार बनाए रखा है।

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आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर भी बोले बागची

बागची ने ये भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब आतंकवाद के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई की बात आती है तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय एक साथ मिलकर आवाज़ उठाने में असमर्थ रहा है। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त को UNSC में भारत ने खुली बहस में ये मुद्दा उठाया है।

बागची ने कहा कि यह खेद जताने का विषय है कि भारत और अमेरिका के प्रयास पर चीन ने रोक लगा दी। दरअसल, आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक आतंकी मसूद अजहर के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को आतंकी घोषित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर चीन ने रोक लगा दी है। अब्दुल रऊफ असगर कई आतंकी हमलों की योजनाओं को बनाने और उसे अंजाम देने में शामिल है। इनमें इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण (1999), भारतीय संसद पर हमला (2001) और भारतीय वायुसेना पर पठान कोट में हमला (2016) शामिल है।

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ताइवान के सीमा के पास चीन ने खत्म किया सैन्य अभ्यास

बता दें कि अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने चीन की इच्छा के खिलाफ अगस्त के पहले हफ्ते में ताइवान की यात्रा की थी। इसके बाद चीन ने ताइवान पर कब्जा करने की धमकी देते हुए बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास करना शुरू कर दिया था। ताइवान की सीमा से करीब 16 किलोमीटर की दूरी पर चीन की आर्मी ने करीब एक सप्ताह तक मिलिट्री ड्रील की थी। चीन का ये सेनाभ्यास बुधवार को समाप्त हुआ है।

स्टेट मीडिया आउटलेट ग्लोबल टाइम्स ने बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ईस्टर्न थिएटर कमांड ने कहा कि उसने ताइवान के आसपास हालिया अभ्यास के दौरान विभिन्न मिशनों को सफलतापूर्वक पूरा किया है और सैनिकों की संयुक्त अभियान युद्ध क्षमता का प्रभावी परीक्षण किया है।

ताइवान के विदेश मंत्री ने सैन्य अभ्यास को लेकर लगाया ये आरोप

इससे पहले मंगलवार को ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने कहा कि चीन ने ताइवान के जल और हवाई क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नेविगेशन की स्वतंत्रता को प्रभावित करने और आक्रमण की तैयारी के लिए चीन ने सैन्य अभ्यास किया। वू ने कहा कि ताइवान के आसपास के क्षेत्रों में सैन्य अभ्यास करने का चीन का निर्णय अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत ताइवान के अधिकारों का घोर उल्लंघन है और इससे क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को गंभीर खतरा है।

उधर, चीन ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास और हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को सही ठहराते हुए मंगलवार को कहा कि पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन अब हर संभव स्थिति के लिए खुद को तैयार कर रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि पेलोसी की ताइवान यात्रा चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए एक वास्तविक खतरा है।

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Edited By

Om Pratap

First published on: Aug 12, 2022 06:14 PM
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