Indian scientists prepared world first disaster hospital : भारतीय वैज्ञानिकों ने दुनिया का एक ऐसा अनोखा आपदा अस्पताल तैयार किया है, जो सिर्फ 8 मिनट में सक्रिय हो जाएगा। इसके बाद मरीजों का तत्काल इलाज भी संभव हो सकेगा। इस अस्पताल को ‘आरोग्य मैत्री’ दिया गया है। इस अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर के अलावा एक मिनी आइसीयू भी होगा, जिसे जरूरत पड़ने पर गंभीर रूप से घायल मरीजों के इस्तेमाल में लाया जाएगा।
जांच के लिए मशीनें भी लगाई जाएंगीं
किसी मरीज को जरूरत पड़ने पर इस आपदा अस्पताल में वेंटिलेटर भी मुहैया कराया जाएगा। खून की जांच के लिए उपकरण और एक्स-रे मशीन भी मौजूद रहेगी। कुल मिलाकर यह मिनी अस्पताल होगा, लेकिन इसमें मरीजों के इलाज के पूरे इंतजाम होंगे।
ये अस्पताल दुर्गम इलाकों के लिए है, जहां पर संसाधनों का अभाव है या फिर जहां पर मदद पहुंचना खासा मुश्किल होगा। ऐसे इलाकों में इस मिनी अस्पताल को आसानी से ले जाया जा सकेगा।
होंगी ये सुविधाएं
इस आपदा अस्पताल में खाना पकाने का स्टेशन भी मौजूद होगा। यहां पर भोजन, पानी, आश्रय, बिजली जनरेटर और भी बहुत कुछ सामान उपलब्ध होंगे। भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित इस अस्पताल को हवाई जहाज के जरिये भी ले जाया जा सकता है। इस 72 क्यूब्स में पैक किसी भी दुर्गम से दुर्गम इलाके में ले जाया जा सकता है।
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ऐसे में इसे आरोग्य मैत्री क्यूब भी कहा जा रहा है। इसके तीन फ्रेम में प्रत्येक में 12 मिनी क्यूब हैं। बताया जा रहा है कि 720 किलो के 36 बॉक्स में अस्पताल से जुड़ा सारा सामान आ जाएगा। हेलिकॉप्टर से नीचे फेंकने पर भी बॉक्स रखे सामान और उपकरण नहीं टूटेंगे। इससे भी अच्छी बात यह है कि इस पर पानी भी बेअसर साबित होगा।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह का आपात अस्पताल तैयार करने में करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत आएगी। भविष्य में भारत तीन देशों को ये अस्पताल निशुल्क देगा। इस बारे में केंद्र सरकार जल्द ही इस संबंध में घोषणा करेगी।
बताया जा रहा है कि छोटे-छोटे 72 क्यूब्स में पूरा अस्पताल सिमटा हुआ है। इसमें लोहे के तीन फ्रेम होंगे और इसके प्रत्येक फ्रेम में दर्जनभर छोटे बॉक्स होंगे। इस तरह 36 बॉक्स में ही सारा सामान सिमट जाएगा।