जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत बदले की कार्रवाई की तैयारी में है, जिससे पाकिस्तान में डर का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी और पीड़ितों को न्याय मिलेगा। भारत राफेल विमानों से एयर स्ट्राइक, सर्जिकल स्ट्राइक, मिसाइल अटैक और समुद्री नाकेबंदी जैसे कई विकल्पों पर विचार कर रहा है। 22 जनवरी को हुए कायराना नरसंहार में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। जवाबी एक्शन की आहट के बीच, बीच भारतीय नौसेना अपनी ताकत बढ़ाने को लेकर एक बड़ा कदम उठा चुकी है। सोमवार को भारत और फ्रांस के बीच नौसेना के लिए राफेल मरीन (एम) फाइटर जेट खरीदने का सौदा तय होने जा रहा है।
भारतीय नौसेना को मिलेंगे 26 राफेल-एम फाइटर जेट
भारतीय नौसेना को इस सौदे के तहत 26 राफेल-एम फाइटर जेट मिलेंगे। इनमें से 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर ट्रेनिंग वर्जन होंगे। ये फाइटर जेट्स भारतीय विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेशी आईएनएस विक्रांत पर तैनात किए जाएंगे, जो भारतीय समुद्री सीमा की सुरक्षा के लिए गेमचेंजर साबित होंगे। रक्षा अधिकारियों ने कहा कि भारत और फ्रांस सोमवार को दिल्ली में 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों के लिए 63,000 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर करने वाले हैं।
CCS ने इस महीने की शुरुआत में दी थी मंजूरी
भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारी और भारत में फ्रांसीसी राजदूत हस्ताक्षर समारोह में दोनों पक्षों का प्रतिनिधित्व करेंगे। सूत्रों ने कहा कि रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह के भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करने की संभावना है, जबकि फ्रांस और भारत के रक्षा मंत्रियों के इस समारोह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भाग लेने की उम्मीद है। इससे पहले फ्रांसीसी रक्षा मंत्री को व्यक्तिगत रूप से हस्ताक्षर समारोह में भाग लेने के लिए कहा गया था, लेकिन व्यक्तिगत कारणों से उन्हें अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने इस महीने की शुरुआत में इस सौदे को मंजूरी दी थी।
सूत्रों ने बताया कि हस्ताक्षर समारोह संभवतः साउथ ब्लॉक स्थित रक्षा मंत्रालय मुख्यालय के बाहर आयोजित किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि फ्रांसीसी मंत्री के रविवार शाम को भारत पहुंचने और सोमवार देर शाम को रवाना होने की उम्मीद है। भारत ने इस महीने की शुरुआत में 9 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक के दौरान 26 राफेल समुद्री लड़ाकू विमानों के लिए सबसे बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दी थी।
भारत किसी भी चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए केवल कूटनीतिक स्तर पर ही नहीं, बल्कि सैन्य स्तर पर भी सक्रियता दिखाई है। भारतीय नौसेना ने हाल ही में अरब सागर में अपने विध्वंसक जहाज आईएनएस सूरत से मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण कर यह जता दिया कि भारत किसी भी चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है। भारतीय वायुसेना फिलहाल 36 राफेल फाइटर जेट का संचालन कर रही है। इन्हें हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में दो स्क्वाड्रन में तैनात किया गया है। अब भारत अपनी नौसेना में भी दसॉल्ट राफेल मरीन (राफेल-एम) जेट शामिल करने जा रहा है। इससे भारत की समुद्री ताकत काफी बढ़ेगी, खासकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में जहां चीन का दबाव लगातार बढ़ रहा है। राफेल-एम के आने से भारत स्वतंत्र और खुले समुद्री क्षेत्र को सुरक्षित रखने में और ज्यादा सक्षम होगा।