Indian Air Force missing AN- 32 aircraft found after 8 years: भारतीय वायुसेना का एक विमान 2016 में लापता हो गया था। उसका 8 साल बाद अब मलबा मिला है। विमान में कुल 29 लोग सवार थे। यह विमान चेन्नई से पोर्टब्लेयर जा रहा था। इसी दौरान 22 जुलाई को बंगाल की खाड़ी के ऊपर यह लापता हो गया।
बंगाल की खाड़ी के ऊपर उड़ान भर था विमान
मिली जानकारी के मुताबिक, इंडियन एयरफोर्स का विमान AN-32 चेन्नई के तांबरम एयर फोर्स स्टेशन से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए सुबह उड़ान भरा, लेकिन 22 जनवरी 2016 को यह बंगाल की खाड़ी के ऊपर लापता हो गया। उस दौरान विमान में 29 कर्मी सवार थे। यह एक परिवहन विमान था और वीकली कूरियर उड़ान पर था। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को विमान का मलबा खोजे जाने की घोषणा की।
▶️ An Indian Air Force An-32 aircraft (registration K-2743), had gone missing over the Bay of Bengal on 22 July 2016 during an op mission
---विज्ञापन---▶️ Analysis of search images had indicated the presence of debris of a crashed aircraft on the sea bed approximately, 140 nautical miles…
— PIB India (@PIB_India) January 12, 2024
रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा?
रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया कि वायु सेना का एक एएन-32 विमान (पंजीकरण के-2743) 22 जुलाई, 2016 को एक ऑपरेशन मिशन के दौरान बंगाल की खाड़ी के ऊपर से लापता हो गया। इस विमान में 29 कर्मी सवार थे। विमान और जहाजों द्वारा बड़े पैमाने पर खोज और बचाव अभियान चलाया गया, लेकिन किसी भी लापता कर्मी या विमान के मलबे का पता नहीं चल सका।
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मंत्रालय ने बताया कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत काम करने वाली राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान ने लापता एएन-32 विमान का पता चलने की जगह पर हाल ही में एक ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (एयूवी) तैनात किया था। यह खोज मल्टी-बीम सोनार (साउंड नेविगेशन एंड रेंजिंग), सिंथेटिक एपर्चर सोनार और हाई रिज़ॉल्यूशन फोटोग्राफी सहित कई पेलोड का उपयोग करके 3400 मीटर की गहराई पर की गई।
चेन्नई तट से 140 समुद्री मील दूर मिला विमान का मलबा
खोज के दौरान मिली तस्वीरों से चेन्नई तट से लगभग 140 समुद्री मील (लगभग 310 किमी) दूर समुद्र तल पर एक दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे की उपस्थिति का संकेत मिला। खोज के दौरान मिली तस्वीरों की जांच करने पर पता चला कि वह एएन-32 विमान का मलबा ही है।
बताया जाता है कि विमान समुद्र से 23000 फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा था। उस समय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर थे। विमान का मलबा खोजने के लिए जो अभियान चलाया गया था, उसे भारतीय वायुसेना का अब तक का सबसे बड़ा अभियान माना जाता है।
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