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कैसे होता है उपराष्ट्रपति का चुनाव, क्या है प्रक्रिया? ये योग्यताएं होनी हैं जरूरी

Vice President Electiopn Process:  भारत का उपराष्ट्रपति संसद के उच्च सदन यानी राज्य सभा को सभापति भी होते हैं। उनका कार्यकाल 5 साल का होता है। आइये विस्तार से जानते हैं कि उपराष्ट्रपति को चुने जाने की प्रक्रिया क्या? 

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Raghav Tiwari Updated: Aug 1, 2025 13:18

Vice President Electiopn Process: भारतीय राजनीति में सोमवार का दिन उत्साह और हैरानी भरा रहा। सोमवार को सप्ताह का पहला दिन होने के साथ ही संसद के मानसून सत्र का पहला दिन था। दिन की शुरुआत गहमागहमी के साथ हुई और दोपहर में संसद की कार्यवारी स्थगित कर दी गई। लेकिन शाम को सत्र खत्म होने बाद अचानक राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। तब से राजनीति के गलियारे में यह चर्चा का विषय बन गया। लोगों में कयासों की चर्चा होने लगी कि अब अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? लेकिन हम आपको बताते हैं कि उपराष्ट्रपति कैसे चुना जाता है। क्या क्या योग्यताएं होनी चाहिए? अब उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 अगस्त को होगा।

उपराष्ट्रपति बनने के चाहिए ये योग्यताएं

– भारत का नागरिक होना अनिवार्य है।
– 35 साल से ज्यादा उम्र न हो।
– राज्यसभा का सदस्य बनने की योग्यता हो।
– राज्य या केंद्र सरकार से कोई पद लाभ न लेना पड़ा।

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उपराष्ट्रपति का कितना होता है कार्यकाल

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 66 में उपराष्ट्रपति पद के लिए योग्यताएं, उपराष्ट्रपति की पात्रता और चुनाव संबंधी प्रावधान दिए गए हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 साल का होता है। अनुच्छेद 68(1) में लिखा है कि उपराष्ट्रपति की नियुक्ति वर्तमान उपराष्ट्रपति के कार्यकाल की समाप्ति से पहले हो जानी चाहिए। संविधान में उपराष्ट्रपति का पद खाली रखने का कोई प्रावधान नहीं है। उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए 15 हजार रुपये भी जमा कराने होते हैं। ये जमानत राशि की तरह होते हैं।

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उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कैसे होती है वोटिंग और काउंटिंग?

उपराष्ट्रपति चुनाव में संसद के दोनों सदन भाग लेते हैं। राज्यसभा के 245 और लोकसभा के 543 सांसद मिलकर हिस्सा लेते हैं। उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति (प्रपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन सिस्टम) से होता है। इसमें वोटिंग को सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं। सदस्यों को एक बैलेट पेपर दिया जाता है। आम चुनाव को तरह सदस्य किसी एक प्रत्याशी को वोट नहीं करते हैं। बल्कि बैलेट पेपर में सभी प्रत्याशियों को पंसद के हिसाब से प्राथमिकता करते हुए 1, 2, 3 लिखना होता है। प्रत्याशी के आगे नंबर लिखना होता है। इसके बाद काउंटिंग के लिए सभी वोट को गिना जाता है। आधे वोट निकालकर 1 जोड़ दिया जाता है। उस संख्या को ही जीत के लिए बहुमत माना जाता है।

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First published on: Jul 21, 2025 11:14 PM

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