हॉटमेल के सह-संस्थापक सबीर भाटिया ने भारत की इंजीनियरिंग एजुकेशन और वर्क एथिक्स पर अपनी बेबाक राय से बहस छेड़ दी है। हाल ही में एक पॉडकास्ट में भाटिया ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि भारतीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स में से ज्यादातर तकनीकी कौशल को निखारने या अभिनव उत्पाद बनाने के बजाय मैनेजमेंट रूल्स में चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि इंजीनियर के रूप में ग्रेजुएट्स होने वाले 99 फीसदी इंडियन मैनेजमेंट में शामिल हो जाते हैं और सभी को ज्ञान देना शुरू कर देते हैं।
पॉडकास्ट में दिया बयान
हॉटमेल के सह-संस्थापक भाटिया हाल ही में एक पॉडकास्ट में शामिल हुए, जहां पर उन्होंने भारतीय इंजीनियरों पर चिंता जताते हुए कहा, ’99 फीसदी भारतीय इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स असल में इंजीनियरिंग का काम नहीं करते हैं। वह मैनेजमेंट में शामिल होकर सभी को ज्ञान देना शुरू कर देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि काम करने के एथिक्स कहां है, जहां वे अपने हाथों से काम करते हैं और कुछ सामान बनाते हैं? फिर क्या था, उनकी इस की टिप्पणी ने सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी। बहुत से लोगों ने गूगल पर सबीर भाटिया के बारे में जानने के लिए उनको सर्च करना शुरू कर दिया।
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कौन हैं सबीर भाटिया?
भारत के चंडीगढ़ में जन्मे भाटिया एक उद्यमी (Entrepreneur) हैं। भाटिया के पिता बलदेव भाटिया भारतीय सेना में अधिकारी थे और उनकी मां दमन भाटिया सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में काम करती थीं। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई बेंगलुरु में की। बाद में बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स), पिलानी से ग्रेजुएशन किया। भाटिया ने अपने साथी जैक स्मिथ के साथ मिलकर दुनिया की पहली मुफ्त वेब-आधारित ईमेल सेवा, हॉटमेल.कॉम (अब आउटलुक.कॉम) की सह-स्थापना की।
1997 तक हॉटमेल के दस लाख से ज्यादा यूजर्स थे। दुनिया की सबसे बड़ी ईमेल सेवाओं में से एक होने के बावजूद, यह अपने फ्री मॉडल होने की वजह से रेवेन्यू के लिए संघर्ष करती रही। 1997 में भाटिया ने हॉटमेल को माइक्रोसॉफ्ट को बेच दिया था। भाटिया की कुल संपत्ति लगभग 300 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है।
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