---विज्ञापन---

Hijab Ban: कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले पर फिर होगी SC में होगी सुनवाई, गठित होगी 3 जजों की बेंच

Hijab Ban: कर्नाटक हिजाब बैन मामले पर एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई के लिए तीन जजों की एक बेंच का गठन करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को याचिकाकर्ताओं को कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध से संबंधित मामले को सूचीबद्ध करने का आश्वासन […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Jan 24, 2023 12:52
Share :
Today Headlines, Supreme Court, CBI, ED, Manish Sisodia, Abdulla Azam, IPL

Hijab Ban: कर्नाटक हिजाब बैन मामले पर एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई के लिए तीन जजों की एक बेंच का गठन करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को याचिकाकर्ताओं को कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध से संबंधित मामले को सूचीबद्ध करने का आश्वासन दिया है। सीनियर वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष हिजाब से संबंधित मामले का उल्लेख किया।

अरोड़ा ने कहा कि कई लड़कियों का तो पूरा साल इसलिए गायब हो गया है क्योंकि उन्होंने अपना हिजाब उतारने से इनकार कर दिया है। अरोड़ा ने फरवरी में शैक्षणिक संस्थानों में प्रैक्टिकल के बारे में भी अदालत को अवगत कराया और अंतरिम निर्देशों के लिए जल्द सुनवाई की मांग की।

इसके बाद मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आश्वासन दिया कि वह मामले को सूचीबद्ध करेगी और एक तारीख देगी। अदालत ने यह भी देखा कि इस मामले की सुनवाई शीर्ष अदालत की तीन-न्यायाधीशों की पीठ करेगी। अदालत ने वकील से कहा कि वह रजिस्ट्रार के समक्ष मामले का उल्लेख करें।

और पढ़िए –‘मैं शाहरुख खान हूं, आपसे बात करना चाहता हूं’, असम के CM ने SRK के मैसेज पर दिया ये जवाब

कर्नाटक HC के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनाया था फैसला

बता दें कि शीर्ष अदालत ने इससे पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर फैसला सुनाया था, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था।

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता ने अपील को खारिज कर दिया जबकि न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने इसकी अनुमति दी। इसके बाद अलग-अलग मतों के कारण इस मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश के पास उचित दिशा-निर्देश के लिए भेजा गया था। यह फैसला जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की दो जजों ने दिया है।

अदालत कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें शिक्षण संस्थानों को शैक्षणिक संस्थानों में वर्दी निर्धारित करने का निर्देश देने के कर्नाटक सरकार के फैसले को बरकरार रखा गया था।

और पढ़िए –Subhash Chandra Bose Jayanti: संघ प्रमुख बोले- नेताजी का भारत को महान बनाने का सपना अभी पूरा नहीं हुआ

कर्नाटक हाई कोर्ट के जजों ने क्या दिया था फैसला

मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की कर्नाटक उच्च न्यायालय की एक पीठ ने पहले कहा था कि वर्दी का निर्धारण एक उचित प्रतिबंध है जिस पर छात्र विरोध नहीं कर सकते और हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

जनवरी 2022 में हिजाब विवाद तब शुरू हुआ जब उडुपी के गवर्नमेंट पीयू कॉलेज ने कथित तौर पर हिजाब पहनने वाली छह लड़कियों को प्रवेश करने से रोक दिया। इसके बाद छात्राओं ने प्रवेश नहीं दिए जाने को लेकर कॉलेज के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

इसके बाद उडुपी के कई कॉलेजों के लड़के भगवा स्कार्फ पहनकर कक्षाओं में जाने लगे। यह विरोध राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया और कर्नाटक में कई स्थानों पर विरोध और आंदोलन हुए। नतीजतन, कर्नाटक सरकार ने कहा कि सभी छात्रों को ड्रेस का पालन करना चाहिए और एक विशेषज्ञ समिति द्वारा इस मुद्दे पर निर्णय लेने तक हिजाब और भगवा स्कार्फ दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया।

5 फरवरी को, प्री-यूनिवर्सिटी शिक्षा बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी किया जिसमें कहा गया था कि छात्र केवल स्कूल प्रशासन की ओर से जारी ड्रेस ही पहन सकते हैं और कॉलेजों में किसी अन्य धार्मिक पोशाक की अनुमति नहीं दी जाएगी।

और पढ़िए –देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें

First published on: Jan 23, 2023 02:02 PM
संबंधित खबरें