देश में बढ़ती महंगाई से जूझ रही आम जनता के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। सरकार ने खाने के तेल की कीमतों को कम करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर लगने वाला आयात शुल्क घटा दिया गया है। इस फैसले से जहां उपभोक्ताओं को सस्ते दाम पर तेल मिलेगा, वहीं घरेलू तेल उद्योग को भी फायदा होगा। यह कदम खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा जो हर दिन के खाने में तेल का इस्तेमाल करते हैं।
कच्चे खाद्य तेल पर आयात शुल्क घटा
महंगाई पर काबू पाने और आम जनता को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने कच्चे पाम तेल, कच्चे सोयाबीन तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर लगने वाले आयात शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। यह फैसला वित्त मंत्रालय द्वारा 30 मई को जारी अधिसूचना के तहत तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है। सरकार का कहना है कि इस कदम से खाद्य तेल की खुदरा कीमतें कम होंगी और आम उपभोक्ताओं को सीधा फायदा मिलेगा। साथ ही इससे देश के रिफाइनिंग उद्योग को भी मजबूती मिलेगी।
Custom Duty Reduced on Crude Edible Oils by 10%.@IVPA_India @sop pic.twitter.com/CKKoM3TtSF
— mrituenjay (@MrituenjayZee) May 30, 2025
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कीमतों में गिरावट की उम्मीद
भारत अपनी खाद्य तेल की जरूरत का लगभग 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा आयात करता है। इसलिए आयात शुल्क में कटौती करने से तेल की कीमतों में तुरंत असर देखने को मिलेगा। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के अध्यक्ष संजीव अस्थाना ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे घरेलू बाजार में तेल की कीमतें घटेंगी और रिफाइनिंग उद्योग को भी प्रोत्साहन मिलेगा। SEA के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने बताया कि इन तीनों कच्चे तेलों पर अब कुल प्रभावी आयात शुल्क 16.5 प्रतिशत रह गया है, जो पहले 27.5 प्रतिशत था।
रिफाइंड तेल पर नहीं मिलेगा लाभ
हालांकि यह राहत सिर्फ कच्चे तेल पर दी गई है। रिफाइंड पाम तेल और अन्य रिफाइंड तेलों पर अभी भी 32.5 प्रतिशत मूल आयात शुल्क लागू रहेगा। इस कारण से रिफाइंड तेल का इस्तेमाल करने वालों को अभी कोई फायदा नहीं मिलेगा। उद्योग संगठनों का कहना है कि सरकार ने कच्चे और रिफाइंड तेलों के बीच शुल्क के अंतर को बढ़ाकर 19.25 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले सिर्फ 8.25 प्रतिशत था। इससे रिफाइंड तेल का आयात कम होगा और घरेलू उद्योग को लाभ मिलेगा।
घरेलू उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (IVPA) और SEA जैसे उद्योग संगठनों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई है, जिसमें घरेलू ऑयल प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने की बात कही जा रही थी। अब देश में कच्चे तेल का आयात बढ़ेगा, जिससे रिफाइनिंग यूनिट्स को ज्यादा काम मिलेगा और रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं। कुल मिलाकर यह फैसला उपभोक्ताओं और उद्योग दोनों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।