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मॉब लिंचिंग समेत सरकार ने बदले ये 3 बड़े कानून, अमित शाह बोले- अंग्रेजों की सोच से नहीं चलेगा देश

Parliament Session 2023: संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तीन कानूनों समाप्त कर इनकी जगह नए कानून लाने के लिए विधेयक पेश किया। इस दौरान उन्होंने यह भी दावा किया कि अंग्रेजों के शासन के दौरान बनाए गए इन तीनों के हटने के बाद आम जनता को बड़ी राहत […]

Edited By : jp Yadav | Updated: Aug 11, 2023 14:03
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Parliament Session 2023
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Parliament Session 2023: संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने तीन कानूनों समाप्त कर इनकी जगह नए कानून लाने के लिए विधेयक पेश किया। इस दौरान उन्होंने यह भी दावा किया कि अंग्रेजों के शासन के दौरान बनाए गए इन तीनों के हटने के बाद आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। ये तीनों कानून भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत हैं, जिनमें बदलाव किया जा रहा है।

भारतीयों को मिलेंगे अधिकार

अमित शाह ने कहा कि इन तीनों कानूनों की जगह तीन नए कानून जो बनेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इसके जरिये भारतीयों को अधिकार मिलेंगे। ये तीनों कानून अंग्रेजों के समय के हैं, इसलिए इसमें बदलाव करना जरूरी था। इसके तहत मॉब लिंचिंग करने वालों और देश से भागने वालों पर सख्ती होगी।

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दंड के लिए नहीं लाए जा रहे कानून

तीनों कानून की जगह नए कानून लाने पर अमित शाह ने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य किसी को दंड देना नहीं होगा। इसका उद्देश्य होगा लोगों को न्याय देना, जो बहुत जरूरी है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दाऊद इब्राहिम काफी समय से भगोड़ा है। अब हमने तय किया है कि सत्र न्यायालय के जज किसी व्यक्ति की अनुपस्थिति में भी केस चला सकती है और फैसला सुना सकती है, फिर चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में हो। उसे सजा से बचना हो तो भारत आए और केस लड़ें। अप्रैल 2022 में कानून मंत्रालय ने राज्य सभा में बताया कि सरकार आपराधिक कानूनों की समीक्षा कर रही है।

देशद्रोह कानून होगा निरस्त

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हम देशद्रोह जैसे कानून निरस्त कर रहे हैं। 1860 से 2023 तक देश की आपराधिक न्याय व्यवस्था अंग्रेजों के बनाए कानून से चल रहा था। अब इन तीन नए कानूनों से देश की आपराधिक न्याय व्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा। इस विधेयक के तहत हमने लक्ष्य तय किया है कि दोषसिद्धि की दर को 90 प्रतिशत से ज्यादा किया जाएगा। अपराध स्थल पर फोरेंसिक टीम का जाना अनिवार्य होगा।

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 उन्होंने कहा कि नए विधेयक में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले से संबंधित नए प्रावधान किए गए हैं। नाबालिग से दुष्कर्म जैसे मामलों में मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही एक तय सीमा में सरकारी कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी जाएगी।

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, 18 राज्यों, छह यूटी, भारत की सुप्रीम कोर्ट, 22 हाईकोर्ट, न्यायिक संस्थाओं, 142 सासंद और 270 विधायकों के अलावा जनता ने भी इन विधेयकों को लेकर सुझाव दिए हैं। चार साल तक इस पर काफी चर्चा हुई है। हमने इस पर 158 बैठकें की हैं। इसके बाद इस पर सहमति बनी है।

पांच प्रण पूरा करेंगे ये कानून

लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि ये तीनों विधेयक पीएम मोदी के पांच प्रणों में से एक को पूरा करने वाले हैं। इन तीन विधेयक में एक है इंडियन पीनल कोड, एक है क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, तीसरा है इंडियन एविडेंस कोड। इंडियन पीनल कोड 1860 की जगह, अब भारतीय न्याय संहिता 2023 होगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 प्रस्थापित होगी। इसके अलावा, इंडियन एविडेंट एक्ट, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम प्रस्थापित होगा।

 

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Edited By

jp Yadav

First published on: Aug 11, 2023 01:57 PM

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