चंडीगढ़: उत्तर भारत के तीन राज्यों पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश को जोड़ते चंडीगढ़ महानगर में स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) में सोमवार आधी रात के बाद अचानक भनायक आग लग गई। इसके बाद धुएं में दम घुटने के यहां उपचाराधीन मरीजों की जान सांसत में आ गई, वहीं अस्पताल प्रशासन के भी हाथ-पैर फूल गए। हालांकि किसी तरह के जानी नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन मंगलवार सुबह यहां माहौल टेंशन वाला रहा। रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह तक जारी रहा। यहां धुएं के गुब्बार में घिरे लोगों क्रेन की मदद से निकाला गया।
-
रात करीब 12 बजे ग्राउंड फ्लोर पर स्थित डेटा सेंटर के किसी सीपीयू में हुआ शॉर्ट-सर्किट माना जा रहा आग लगने की वजह
घटना रात करीब 12 बजे की है। मिली जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ पीजीआईएमईआर के नेहरू अस्पताल में देर रात अचानक आग लग गई तो वहां इलाज करा रहे मरीजों में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। लोग इधर-उधर भागने लगे। करीब साढ़े 12 बजे फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने की कोशिशें शुरू हुई। आग ग्राउंड फ्लोर पर लगी थी, मगर काबू पाने की कोशिशों के बीच देखते ही देखते यह पांचों मंजिल तक फैल गई। न्यूज एजेंसी एएनआई ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ के हैंडलर पर आग पर काबू पाने की कोशिश के दौरान का एक वीडियो शेयर किया है।
<
#WATCH | Chandigarh: Visuals from the PGI’s Nehru Hospital where a fire broke out. Fire tenders are present at the spot. (patchhawaii.org) pic.twitter.com/rNST7SZtNd
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) October 9, 2023
>
उधर, चंडीगढ़ के नागरिक सुरक्षा विभाग के संजीव कोहली ने बताया कि नेहरू अस्पताल की पहली मंजिल पर आग लगने की सूचना मिली तो वह अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। अस्पताल के अंदर मौजूद सभी लोगों को बाहर निकाला गया। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
यह भी पढ़ें: तमिलनाडु में पटाखा गोदाम में भीषण आग, 7 लोगों की मौत
इस बारे में पीजीआईएमईआर के डायरेक्टर डॉक्टर विवेक लाल ने बताया कि किडनी सेंटर के साथ स्थित कंप्यूटर डेटा सेंटर में मौजूद किसी कंप्यूटर के सीपीयू में शॉर्ट-सर्किट से आग भड़की तो तुरंत मरीजों को बाहर निकालने की कोशिशों के साथ दमकल विभाग को सूचित किया गया।
हालांकि इसी बीच इमरजेंसी वार्ड, महिला वार्ड, पुरुष वार्ड और गायनी वार्ड में हर तरफ धुएं का गुब्बार छा गया। गनीमत रही कि किसी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि जहां से आग भड़की, वहीं पास ही तीन महीने से तीन साल के बच्चे भी उपचाराधीन थे। सिक्योरिटी रीजन के चलते इमरजेंसी वार्ड से जोड़ते सभी रास्तों को तुरंत बंद कर दिया गया।
यह भी पढ़ें: मोरबी ब्रिज हादसे पर मोरारी बापू का विवादित बयान, कहा – जो होना था वह हो चुका, अब आरोपी दिवाली मनाएं
इस दौरान यहां भारी परेशानी का आलम रहा। कंप्यूटर नेटवर्क सिस्टम ठप हो जाने के कारण लोगों को काफी देर तक खून भी उपलब्ध नहीं हो सका। ऐसे में मरीजों के साथ-साथ उनके तीमारदार भी खासे परेशान रहे। फिलहाल, इस घटनाक्रम की वजह की जांच शुरू कर दी गई है, वहीं उल्लेखनीय पहलू यह भी है कि इससे पहले अगस्त महीने में यहां रिसर्च ब्लॉक में आग लग गई थी। हालांकि उस दौरान भी किसी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ था।
देश-दुनिया की अन्य खबरों के लिए लॉग ऑन करें News 24