Farmers Protest 2024 : हजारों की संख्या में किसान आज यानी मंगलवार को दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं। बाकी राज्यों के साथ दिल्ली की सीमाओं को बंद जरूर कर दिया गया है लेकिन किसानों की तैयारी भी पूरी है। वह अपने साथ इतना राशन और डीजल लेकर चल रहे हैं कि महीनों तक उन्हें दिक्कत नहीं होगी। ये किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून समेत कई अन्य मांग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2020 में हुआ किसान आंदोलन 13 महीने चला था।
Convoy of farmers heading towards Shambu border.#FarmersProtest#FarmersProtest2024 pic.twitter.com/jBM12K8tZl
---विज्ञापन---— Tractor2ਟਵਿੱਟਰ ਪੰਜਾਬ (@Tractor2twitr_P) February 13, 2024
सुई से लेकर हथौड़े तक लेकर चले किसान
किसानों का कहना है कि आप हमारे सब्र का इम्तिहान लीजिए लेकिन हम तब तक नहीं हटने वाले जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जातीं। रिपोर्ट्स के अनुसार पंजाब से ट्रैक्टर पर दिल्ली की ओर आगे बढ़ने वाले एक किसान ने बताया कि हमारे पास सुई से लेकर हथौड़े तक, सब कुछ है। हमने छह महीने का राशन लेकर अपने गांव से चले थे। हमारे पास पर्याप्त डीजल है और पत्थर तोड़ने के लिए टूल्स भी हैं। किसानों का आरोप है कि पिछला आंदोलन खत्म कराने के लिए उन्हें डीजल नहीं दिया जा रहा था।
किसान मांगें पूरी होने तक नहीं हटने वाले
पिछले किसान आंदोलन में शामिल रहे किसानों का कहना है कि इस बार हम तब तक पीछे नहीं हटेंगे जब तक केंद्र की सरकार हमारी मांगें मान नहीं लेती। पिछली बार हमसे वादा किया गया था लेकिन इसके बाद भी सरकार ने जो कहा था वो नहीं किया। इस बार हम दिल्ली की सीमा से तभी हटेंगे जब हमारी मांग पूरी की जाएगी। अगर आपने पिछली बार के आंदोलन को देखा होगा तो आपको अंदाजा हो गया होगा कि एक बार अनुभव मिलने के बाद किसान इस बार कितनी तैयारियों के साथ आए होंगे।
Farmers begins to move towards Delhi with the slogan “Delhi Chalo” from Shambhu Border#FarmersProtest2024 pic.twitter.com/3DDKQk5MZ3
— Ravinder Kapur. (@RavinderKapur2) February 13, 2024
बेकार हो गई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात!
इस किसान आंदोलन को रोकने के लिए 2 केंद्रीय मंत्री सोमवार को चंडीगढ़ भी पहुंचे थे और किसान नेताओं से बात की थी। इस दौरान इलेक्ट्रिसिटी कानून 2020, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और किसान आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने पर सहमति बनी थी। लेकिन एमएसपी, किसानों की कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग पर कोई सहमति नहीं बन पाई थी।
दिल्ली की सीमाओं पर कुछ ऐसे हैं हालात
एग्रीकल्चर एंड फार्मर्स वेलफेयर के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मुंडा का कहना है कि सरकार किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन कुछ मुद्दों पर उन्हें राज्यों से विचार-विमर्श करने की जरूरत है। उधर, आंदोलन को देखते हुए दिल्ली की मानो किलाबंदी कर दी गई है। गाजीपुर, टिकरी और सिंघु बॉर्डर की बैरिकेडिंग की गई है। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को शहर में घुसने से रोकने के लिए सड़कों पर ब्लॉक और कीलें बिछाई गई हैं। साथ ही पूरे शहर में जनसभाओं पर एक महीने का प्रतिबंध भी लगाया गया है।
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