पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल सामने आ गए हैं। इसे लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। कोई इनके गलत होने के दावे कर रहा है तो कई बिल्कुल सटीक बता रहा है। असली नतीजे तो 3 दिसंबर को ही पता चलेंगे जब मतगणना होगी। सभी समाचार चैनल एग्जिट पोल के नतीजे दिखा रहे हैं और इसे लेकर बहस शुरू हो गई है। क्या आपको पता है कि कब कब एग्जिट पोल गलत साबित हुआ है। साफ तौर पर कोई नहीं कह सकता कि एग्जिट पोल कितना सही है। कई बार इसके आसपास नतीजे आ भी जाते हैं और कई बार नहीं भी आते हैं।
1-2004 के लोकसभा चुनाव में एग्जिट पोल गलत साबित हुआ था। तब इसमें कहा गया था कि एनडीए को 240 सीटें मिलेंगी, जबकि उसे 187 सीटें ही मिलीं। वहीं कांग्रेस और उसके सहयोगियों को 216 सीटें मिली थीं।
2-उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के समय भी एग्जिट पोल गलत साबित हुआ था। तब इसमें कहा गया था कि बीजेपी को 200 से ज्यादा सीटें मिलेंगी जबकि पार्टी को 325 सीटें मिलीं और भारी जीत हुई। उस समय एबीपी-लोकनीति ने कहा था कि बीजेपी को 170 सीटों सीटें मिलेंगी जबकि सी-वोटर के सर्व में 161 सीटें मिलने की बात कही गई थी।
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3-बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान भी एग्जिट पोल गलत साबित हो गया था। कहा गया था आरजेडी गठबंधन जीत रहा है जबकि बीजेपी-जेडीयू को जीत मिली।
4- बिहार में 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी एग्जिट पोल गलत साबित हो गया था। ज्यादातर एग्जिट पोल नीतीश कुमार के गठबंधन के जीत की बात नहीं बता सके थे।
5-2021 में पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में भी एग्जिट पोल ठीक भविष्यवाणी नहीं कर सका था। इंडिया टुडे के एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में बीजेपी 134-160 सीटें और टीएमसी को 130-156 सीटें दिखाई गईं थीं। रिपब्लिक-सीएनएक्स पोल में भी बीजेपी को 138-148 सीटें दी गईं थीं और टीएमसी को 128-138 सीटें मिलने की बात कही गई थी। लेकिन जब चुनाव परिणाम सामने आए तो टीएमसी को बड़ी जीत मिली। वहीं बीजेपी को सिर्फ 77 सीटें ही मिल पाईं।
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