Election Commission Action Against Maharashtra Government: महाराष्ट्र सरकार को चुनाव आयोग ने बड़ा झटका दिया है। शिंदे सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव आचार संहिता लगने से पहले की गई नियुक्तियों और हड़बड़ी में लिए गए फैसलों को आचार संहिता लगने के बाद अमल में लाने को चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन बताया है, जबकि चुनाव आयोग ने आचार संहिता लगी रहने तक फैसलों-नियुक्तियों को ज्यों का त्यों रखने के आदेश दिए हैं, लेकिन सरकार ने आदेश पर अमल नहीं किया। बल्कि फैसलों को लागू किया और टेंडर भी निकाले। इसे चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन बताया है और मामले का गंभीरता से लेते हुए शिंदे सरकार को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। चुनाव आयोग के आक्रमक रवैये के बाद राज्य सरकार ने आचार संहिता के दौरान सरकार की वेबसाइट पर जारी 103 फैसले (GR) और 8 टेंडर रद्द कर दिए हैं।
15 अक्टूबर की रात को ही किए थे अपलोड
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गत 15 अक्टूबर को दोपहर 3.30 बजे चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विधानसभा चुनाव की घोषणा की थी। महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे, लेकिन चुनाव तारीखों का ऐलान होते ही महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने अपनी सरकारी वेबसाइट पर करीब 200 प्रपोजल, अपॉइंटमेंट्स और टेंडर जारी कर दिए। यह देखने के बाद चुनाव आयोग ने शिंदे सरकार को एक पत्र भेजा, जिसमें आदर्श आचार संहिता का पालन करने के निर्देश दिए गए और आदेश दिया गया कि आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी फैसले, आदेश और टेंडर रिलीज नहीं किए जा सकते। शिंदे सरकार ने चुनाव आयोग के आदेश की अवहेलना की है। चुनाव आयोग के इस लेटर के बाद शिंदे सरकार ने जल्दबाजी में वेबसाइट पर अपलोड किए गए भी प्रपोजल, आदेश और टेंडर हटा दिए।
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महाराष्ट्र में 2 गठबंधनों के बीच कांटे की टक्कर
बता दें कि महाराष्ट्र में इस बार 2 गठबंधनों के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा। दोनों महागठबंधनों में 3-3 पार्टियां शामिल हैं। महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सीटों का बंटवारा हो चुका है। वहीं अब उम्मीदवारों के नामों पर मंथन चल रहा है।