E-Flying Taxi Bengaluru Airport: कई जगहों पर एयरपोर्ट शहर से काफी दूर बनाए जाते हैं। जिससे लंबे ट्रैवल की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब लोगों की परेशानी जल्द ही दूर हो सकती है। उन्हें ई-फ्लाइंग टैक्सी का ऑप्शन मिल सकता है। दरअसल, बेंगलुरू के केंद्रीय व्यावसायिक जिले (CBD) से लगभग 40 किमी दूर स्थित केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (KIA) तक ई-फ्लाइंग टैक्सी जल्द ही शुरू हो सकती है।
7 सीटर प्लेन
इसके लिए बैंगलोर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (BIAL) और सरला एविएशन ने एक करार किया है। बीआईएएल ने एक्स पर इसकी पुष्टि की है। BIAL ने लिखा कि हम साथ मिलकर सात सीटों वाले इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (EVTOL) विमानों के लिए अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। जिसका लक्ष्य हवाई यात्रा की पहुंच में क्रांतिकारी बदलाव लाना है।
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चार बड़े शहरों का प्लान
सरला एविएशन ने अपनी वेबसाइट पर दुनिया के चार सबसे भीड़भाड़ वाले शहरों- मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली और पुणे को लक्ष्य बनाया है। कंपनी का कहना है कि हम इसे उबर या ओला की सवारी जितना किफायती बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके साथ यह भी दावा किया गया है कि बेंगलुरु एयरपोर्ट से इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी तक का सफर सिर्फ 19 मिनट में पूरा हो जाएगा। जिसका किराया 1,700 रुपये होगा। वहीं, प्रीमियम कैब से 37.5 किलोमीटर की दूरी के लिए 152 मिनट लगते हैं और किराया करीब 2,500 रुपये होता है।
5 मिनट में पूरी होगी 1.5 घंटे की यात्रा
सरला एविएशन का नाम सरला ठकराल के नाम पर रखा गया है- जो 1936 में पायलट का लाइसेंस हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला थीं। कंपनी का कहना है कि इंदिरानगर से एयरपोर्ट तक की यात्रा में 1.5 घंटे लगते हैं। बहुत जल्द हम सरला एविएशन की पूरी तरह से इलेक्ट्रिक फ्लाइंग टैक्सियों के साथ इसे घटाकर सिर्फ 5 मिनट कर देंगे।
Kempegowda International Airport Bengaluru (BLR Airport) and Sarla Aviation have signed a statement of collaboration to explore innovative and sustainable air mobility solutions. This partnership marks a new chapter in our commitment to Advanced Air Mobility solutions developed… pic.twitter.com/ZGlPHxlV1Q
— BLR Airport (@BLRAirport) October 11, 2024
दो से तीन साल लग सकते हैं
हालांकि ये तय नहीं है कि ई-टैक्सी कब से शुरू हो सकती हैं, लेकिन BIAL के एक सूत्र का कहना है कि इसमें कम से कम दो से तीन साल लगेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले थम्बी एविएशन और ब्लेड इंडिया ने केआईए को एचएएल और इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी से जोड़ने के लिए इंट्रासिटी हेली-टैक्सी सेवा शुरू की थी। हालांकि, इसे रिस्पॉन्स नहीं मिला। जिसके बाद इसे सस्पेंड कर दिया गया।
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क्या होती है ई-फ्लाइंग टैक्सी?
ई-फ्लाइंग टैक्सी एक कम ऊंचाई वाला प्लेन होता है, जो उड़ान भरने, लैंड करने के लिए इलेक्ट्रिक पावर का इस्तेमाल करता है। वे एयरोस्पेस इंडस्ट्री में नई तकनीक हैं। जल्द ही इनका पब्लिक ट्रांसपोर्ट में उपयोग होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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