Delhi NCR Weather IMD Predict: दिसंबर का महीना चल रहा है, लेकिन दिल्ली-NCR समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की हाड़ कंपाने वाली ठंड का नाम नहीं है। मौसम इतना साफ है और धूप इतनी अच्छी खिली है कि देखकर ही गर्मी का अहसास हो रहा है। हालांकि सुबह-शाम गुलाबी ठंड पड़ रही है, लेकिन दिन में धूप निकलने से गर्माहट महसूस होती है। मौसम वैज्ञानिकों के लिए देश में यह असामान्य मौसम काफी हैरान कर रहा है, क्योंकि इस साल भारत में सर्दी के आगमन में असामान्य देरी हो रही है।
दिसंबर में भी तापमान सामान्य से ज़्यादा रिकॉर्ड हो रहा है, जबकि दिसंबर के महीने में उत्तर भारत में घना कोहरा छाने लगता है और ठंड से बचने के लिए लोग अलाव के आगे बैठे नजर आते हैं। हालांकि भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 10 दिसंबर के बाद मौसम में बदलाव आने की उम्मीद जताई है, लेकिन यह तब होगा, जब पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ों पर बर्फबारी होगी। मैदानी राज्यों में बारिश होने से तापमान में गिरावट आएगी। बारिश होने और शीत लहर चलने से ठंड का प्रकोप बढ़ेगा, जो फरवरी तक जारी रहेगा।
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बर्फबारी होगी और शीत लहर कंपाएगी हाड़
मौसम विभाग का अनुमान है कि 7-8 दिसंबर के आस-पास पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होगा। इससे जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी होगी। इसका असर उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में पड़ेगा। पहाड़ों की ठंडी हवाएं मैदानी राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में चलेंगी, जिन्हें उत्तर पश्चिम की पछुआ हवाएं कहते हैं। इससे प्रभावित क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान धीरे-धीरे गिरकर 7 डिग्री सेल्सियस के आसपास स्थिर हो जाएगा। 15 दिसंबर तक पूरे उत्तर भारत में अच्छी खासी ठंड पड़ने लगेगी। बर्फबारी, बारिश, शीत लहर और घने कोहरे के साथ ठंड का प्रकोप लोगों को सहना पड़ेगा।
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दिल्ली की सर्दी इतनी असामान्य क्यों?
मौसम विभाग का मानना है कि इस बार दिल्ली की सर्दी इतनी आसामान्य एक नहीं कई कारणों से है। सबसे बड़ा कारण जलवायु परिवर्तन हो सकता है। दूसरा कारण ला नीना का एक्टिव नहीं होना है। ला नीना की मौसम परिस्थितियां दिसंबर या जनवरी के अंत में मौसम की स्थिति को प्रभावित कर सकती हैं। मौसम विज्ञानियों का मानना है कि मौसम का वर्तमान पैटर्न ला नीना से संबंधित नहीं हैं। इसलिए अक्टूबर और नवंबर के दौरान बारिश नहीं होने और उच्च वायु प्रदूषण के कारण सर्दी पड़ने में देरी हुई। बारिश होती तो दिल्ली का मौसम आमतौर पर ठंडा होता। दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर भी इस बार काफी ज्यादा रहा, जिससे गर्मी और बढ़ गई।
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50 साल बाद अक्टूबर और नवंबर गर्म
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अक्टूबर और नवंबर के महीने में दिल्ली में सामान्य से ज़्यादा तापमान रिकॉर्ड हुआ। 1951 के बाद अक्टूबर दिल्ली का सबसे गर्म महीना रहा। अक्टूबर में अधिकतम तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस रहा। दोनों ही रिकॉर्ड तोड़ने वाले आंकड़े हैं। नवंबर में भी यही ट्रेंड रहा, जो पिछले 5 सालों में सबसे गर्म रहा। तापमान शायद ही कभी 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे गया हो।