नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को जोर बाग स्थित शराब वितरक इंडोस्पिरिट ग्रुप के प्रबंध निदेशक समीर महेंद्रू को दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में मनी लॉन्ड्रिंग जांच में गिरफ्तार किया। महेंद्रू का नाम आबकारी नीति घोटाले में मुख्य आरोपी के रूप में है, जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का नाम है।
व्यवसायी ने कथित तौर पर दो भुगतान किए थे। सिसोदिया के करीबी दिनेश अरोड़ा को ₹1 करोड़ और एक अन्य आरोपी विजय नायर की ओर से गुरुग्राम स्थित कथित नाली अर्जुन पांडे को ₹ 2-4 करोड़ का भुगतान किया गया। दिल्ली शराब घोटाला मामले में मंगलवार को सीबीआई ने विजय नायर को गिरफ्तार किया था। वह एक एंटरटेनमेंट और इवेंट मीडिया कंपनी के पूर्व सीईओ हैं। जानकारी के मुताबिक, विजय नायर को मंगलवार को सीबीआई दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
ईडी और सीबीआई दोनों अब खत्म हो चुकी शराब नीति में कथित हुई घोटाले की जांच कर रहे हैं। आरोप हैं कि कुछ बड़े शराब थोक विक्रेताओं / वितरकों और खुदरा विक्रेताओं को लाभ हुआ। जबकि छोटे विक्रेताओं को टेंडर प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था। महेन्द्रू की इंडोस्पिरिट को आबकारी नीति में एल-1 होलसेल लाइसेंस मिला और जांच चल रही है कि कंपनी ने रिटेल लाइसेंस लेने के लिए अन्य कंपनियों के साथ भी गठजोड़ किया, जो नीति के नियमों का उल्लंघन था।
बता दें कि सिसोदिया जो दिल्ली सरकार में आबकारी, शिक्षा और वित्त मंत्री भी हैं। उन्होंने नवंबर 2021 में इसे पेश की गई 2021-22 की आबकारी नीति को आगे बढ़ाया। इस नीति ने राजधानी के शराब बाजार को बदल दिया और राज्य सरकार को ₹8,919.59 करोड़ का राजस्व मिला।
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