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निर्मला सीतारमण के ‘मास्टरस्ट्रोक’ ने मिडिल क्लास पर किया जादू, केजरी से BJP की ओर हुआ शिफ्ट

Income Tax Relief Impact on Delhi Election: दिल्ली में भाजपा का 'कमल' आम आदमी पार्टी की 'झाड़ू' को उखाड़ने में कामयाब रहा है। भाजपा की इस जीत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट ने भी अहम किरदार निभाया है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 8, 2025 15:56
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Delhi Election Results 2025: दिल्ली में 27 साल बाद कमल कैसे खिला? इसका जवाब जानने के लिए ज्यादा शोध करने की जरूरत नहीं है। भ्रष्टाचार पर केजरीवाल का दोहरा चरित्र, आम आदमी पार्टी में अंदरूनी कलह और जनता के मुद्दों से मोहभंग जैसे तमाम कारण हैं, जिन्होंने AAP की हार और भाजपा की जीत की कहानी लिखी। लेकिन सत्ता की इस लड़ाई में आम बजट में मिली इनकम टैक्स छूट भाजपा के लिए ‘कवच’ साबित हुई। जिसे केजरीवाल की लोकलुभावन योजनाओं को खोने का डर भी भेद नहीं पाया।

सवालों की धार हुई कुंद

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में इनकम टैक्स के मोर्चे पर मिडिल क्लास को उम्मीद से ज्यादा दिया। उन्होंने सीधे 12 लाख तक की इनकम को टैक्स के दायरे से बाहर कर दिया। वित्त मंत्री के इस ऐलान से टैक्स को लेकर शिकायत करने वाले मध्यम वर्ग के हाथों में कुछ अतिरिक्त पैसा बचने का रास्ता खुला। भारत में टैक्स सिस्टम और टैक्स रेट पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। खासकर मिडिल क्लास पर टैक्स का बोझ अक्सर चर्चा का विषय रहा है। विपक्ष इसी मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरता रहा है। ऐसे में बजट में मिली राहत से ऐसे सवालों की धार को कुंद करने में मदद मिली और इस मदद से कहीं न कहीं आम आदमी पार्टी (AAP) का पक्का वोटर समझी जाने वाली दिल्ली की जनता ‘कमल’ थामने को प्रेरित हो पाई।

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इस तरह कम हुआ डर

सत्ता में रहते हुए अरविंद केजरीवाल ने जनता को राहत पहुंचाने वालीं कई योजनाएं चलाईं। इन योजनाओं को फ्रीबीज कहकर ज्यादा प्रचारित किया गया। चुनावी अभियान के दौरान केजरीवाल ने सत्ता परिवर्तन की सूरत में इन योजनाओं के बंद होने का डर भी दिखाया। इस तरह के डर अमूमन काम करते भी हैं, मुफ्त की सुविधा भले कौन नहीं चाहता? लेकिन भाजपा का घोषणा पत्र और बजट की राहत ने इस डर को व्यापक रूप नहीं लेने दिया। इसके अलावा, 8वें वेतन आयोग की घोषणा ने भी केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगियों का रुख भाजपा की तरफ मोड़ने का काम किया।

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सबके लिए कुछ न कुछ

दिल्ली में हर तरह के लोग बसते हैं। भाजपा के घोषणा पत्र में शामिल लोकलुभावन योजनाओं ने जहां सोशल स्ट्रक्चर में सबसे नीचे आने वाले लोगों को साधा। वहीं, वित्त मंत्री के बजट ने मिडिल क्लास को रिझाने वाला काम किया। इस तरह, भाजपा दिल्लीवालों के बीच एक ऐसी पार्टी के रूप में सामने आई, जिसके पास सबके लिए कुछ न कुछ है। इनकम टैक्स की राहत ने सुविधाएं छिनने पर भी लोगों को खर्चे मैनेज करने की शक्ति दी। वहीं, रियायत वाली योजनाओं के वादे ने उस शक्ति को और मजबूत किया।

ये कारण भी रहे अहम

हालांकि, ऐसा भी नहीं है कि दिल्ली की जनता ने केवल आर्थिक लाभ के लिए ही AAP की झाड़ू छोड़कर भाजपा का कमल थाम लिया। उसे केजरीवाल को लेकर तमाम शिकायतें थीं, जो अक्सर लंबे समय तक सत्ता में बने रहने वालों से हो जाती हैं। इसके अलावा, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर केजरीवाल और उनके नेताओं का दोहरा चरित्र भी लोगों को नागवार गुजरा। आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार के खात्मे के नाम पर ही हुआ था, ऐसे में पार्टी के नेताओं पर करप्शन के आरोप बर्दाश्त से बाहर थे। स्वाति मालीवाल प्रकरण ने केजरीवाल के खिलाफ लोगों के गुस्से में घी का काम किया।

इन सब को मिलाकर आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया के खिलाफ एक माहौल तैयार हो गया था, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट और उससे पहले 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर हुई घोषणा ने दिशा देने का काम किया।

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News24 हिंदी

First published on: Feb 08, 2025 03:56 PM

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