Delhi Air Quality continues to be in Severe category What Can improve: दिल्ली-एनसीआर की हवा में स्लो पॉइजन घुला है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार है। दिल्ली के रहने वाले कृष्णकांत हर सुबह वॉक पर निकलते हैं। शनिवार को उन्होंने कहा कि 3-4 दिनों से प्रदूषण बहुत ज्यादा है। दिल्ली सरकार को कुछ पहल करनी चाहिए। अब स्थिति ऐसी है कि हमें मास्क पहनना पड़ रहा है। हमें सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि दिल्ली की जहरीली हवा में सुधार कैसे हो सकता है? तो इसका जवाब भी प्रकृति पर ही निर्भर है। हवा, गर्म मौसम और कुछ बारिश दिल्ली की हवा को फिर सांस लेने लायक बना सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बहने वाली हवा प्रदूषकों के फैलाव के लिए प्रतिकूल है। इसमें थोड़ी सी बढ़ोत्तरी हवा में सुधार ला सकती है।
#WATCH | Delhi: Morning visuals from Anand Vihar as the AQI in the area stands at 448, in the 'Severe' category as per the Central Pollution Control Board (CPCB). pic.twitter.com/tBs1YWaY3n
— ANI (@ANI) November 4, 2023
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हवा से होता है पार्टिकुलेट मैटर का तेजी से फैलाव
हवा में सुधार के लिए सबसे अहम कारक हवा को माना जाता है। हवा की तेज गति पार्टिकुलेट मैटर को तेजी से फैलाने में मदद कर सकती है। पार्टिकुलेट मैटर ही सर्दियों में सबसे बड़ा प्रदूषक माने जाते हैं। इसका असर शुक्रवार को देखने को मिला। गुरुवार को जहां एक्यूआई का लेवल दिल्ली के आनंद विहार में 999 पहुंच गया था, उस वक्त हवा की गति एक किमी प्रति घंटे थी। शुक्रवार को हवा की गति बढ़कर 2.8 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई। इससे सुधार हुआ। एक्यूआई 450 के करीब पहुंचा।
आईएमडी के मुताबिक, सोमवार तक हवा की गति 4 से 6 किमी प्रति घंटे के बीच रहने की उम्मीद है। उसके बाद कुछ राहत की उम्मीद है क्योंकि दिन के दौरान हवा की गति 10 से 12 किमी प्रति घंटे के बीच रहने की उम्मीद है।
#WATCH | A man in Noida, Abhay Kumar says, "Pollution level has increased. It feels like getting choked…The air feels heavy." pic.twitter.com/zMtDbxQslJ
— ANI (@ANI) November 4, 2023
तापमान का बढ़ना प्रदूषण को दूर करने में सहायक
जब रात में आसमान साफ होता है और तापमान में गिरावट आती है तो टेंपरेचर इनवर्जन (तापमान व्युत्क्रमण) होता है। इस घटनाक्रम में जमीन जल्दी से अपनी गर्मी खो देती है और उसके चारों ओर की हवा ठंडी हो जाती है। इसके ऊपर गर्म हवा की एक परत होती है, जो ढक्कन की तरह ठंडी हवा को रोकती है। ठंडी हवा के साथ-साथ वाहनों से निकलने वाले प्रदूषक तत्व और धूल भी इसमें फंस जाते हैं। इससे प्रदूषक तत्वों का फैलाव नहीं हो पाता है न ही वे ऊपर जा पाते हैं। प्रदूषक तत्व जितने ऊपर जाएंगे, उतना ही बेहतर रहेगा।
वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले सात दिनों में तापमान 29 से 14 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है। एयर क्वालिटी वॉर्निंग सिस्टम के अनुसार, दिल्ली में शनिवार को मिक्सिंग हाइट लगभग 2,450 मीटर होने की उम्मीद है और रविवार को 2,700 मीटर तक रह सकता है। जिससे हल्का सुधार नजर आए। लेकिन सोमवार को घटकर 1,850 हो जाएगा।
हवा में कणों और धूल को जमने में मदद करती है बारिश
इस अक्टूबर के 2020 के बाद से सबसे अधिक प्रदूषित होने का एक कारण शुष्क मौसम था। बारिश हवा में कणों और धूल को जमने में मदद करती है, जिससे AQI में सुधार होता है। दिल्ली में इस अक्टूबर में पिछले वर्षों के 7 और 6 दिनों की तुलना में केवल एक दिन बारिश हुई। यदि बारिश हो जाए तो हवा में सुधार हो सकता है। लेकिन अभी बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं है।
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