Delhi Air Pollution Origin of Odd even rationing: दिल्ली में रहने वालों का दम घुट रहा है। एयर क्वालिटी इंडेक्स अभी भी गंभीर श्रेणी में है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, बुधवार को आनंद विहार में AQI 452, आरके पुरम में 433 और पंजाबी बाग में 460 रिकॉर्ड हुआ। प्रदूषण का लेवल दिवाली पर और खतरनाक स्तर पर पहुंचने की संभावना है। ऐसे में दो दिन पहले दिल्ली सरकार ने 13 से 20 नवंबर तक ऑड-इवन स्कीम लागू कर दी है। दिल्ली में यह पहली बार नहीं है, जब ऑड-इवन सिस्टम लागू किया गया है। कुछ लोग इसे सही तो कुछ इसे गलत मानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऑड-इवन सिस्टम पहली बार कहां चालू हुआ था? भारत में यह कैसे आया? अब तक कितने देशों में लागू हो चुका है? तो आइए जानते हैं…
अमेरिका ने सबसे पहले शुरू किया ऑड-इवन
ऑड-इवन की उत्पत्ति 1979 में अमेरिका में हुई थी। उस समय इराक और ईरान में अस्थिरता के कारण दुनियाभर में तेल के दामों में बढ़ोत्तरी हुई थी। इसके बाद अमेरिका में ऑड-इवन स्कीम को लागू किया था। 2012 में अमेरिका में तूफान सैंडी के आने के बाद इसे दोबारा लागू किया गया।
Air quality across Delhi continues to be in the 'Severe' category as per the Central Pollution Control Board (CPCB).
AQI in Anand Vihar at 452, in RK Puram at 433, in Punjabi Bagh at 460 and in ITO at 413 pic.twitter.com/XkMRkt65sj
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) November 8, 2023
इन देशों में भी लागू की स्कीम
ग्रीस में बजने लगता था साइरन
ग्रीस ने 1982 में राजधानी एथेंस में सबसे पहले ऑड-इवन स्कीम लागू किया था। नियम के तहत एयर क्वालिटी इंडेक्स के लेवल के बढ़ते ही साइरन बजने लगता था। इसके बाद लोग अपनी गाड़ियां सड़कों पर नहीं निकालते थे। जब प्रदूषण का लेवल कम हो जाता, तभी गाड़ियां लेकर सड़कों पर निकलते थे।
मेक्सिको में पड़ा नाम होय नो सर्कुला
1989 में ऑड-इवन स्कीम को मेक्सिको सिटी में लागू किया गया। लोकल डायलेक्ट यानी स्थानीय भाषा में इसे होय नो सर्कुला कहा जाता है। नतीजा प्रदूषण का लेवल घट गया। कॉर्बन मोनोऑक्साइड के लेवल में 11 फीसदी की कमी आई थी। हालांकि बाद में लोगों ने ऑड-इवन की काट निकालने के लिए दो-दो गाड़ियां खरीदना शुरू किया। जिसका परिणाम यह हुआ कि प्रदूषण में 13 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो गई।
कोलंबिया में नहीं खास लाभ
1998 में कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में ऑड-इवन स्कीम को लागू किया गया। इसे स्थानीय भाषा में पिको-प्लाका नाम दिया गया। इसके बाद 2011 में इस नियम को लागू किया गया। लेकिन दोनों बाद कुछ खास लाभ नहीं मिला।
चीन ने जुर्माने का किया प्रावधान
2008 में चीन ने ओलंपिक गेम्स से पहले ऑड-इवन स्कीम को लागू किया गया। स्कीम को बेहद कड़ाई के साथ लागू किया गया, रोड पॉलिसी में बदलाव किए गए। 200 युयान के जुर्माने का प्रावधान किया गया। नतीजा 40 फीसदी प्रदूषण कम हो गया।
#WATCH | | Delhi air quality continues to remain in the 'severe' category as per the Central Pollution Control Board.
(Visuals from Delhi-Gurugram Highway, shot at 7:31 am) pic.twitter.com/3mwns4NFMr
— ANI (@ANI) November 8, 2023
फ्रांस में गाड़ियों की तय कर दी गई थी स्पीड लिमिट
1997 में फ्रांस की राजधानी पेरिस में ऑड-इवन स्कीम लागू की गई। नियमों का उल्लंघन करने पर 22 यूरो के जुर्माने का नियम बनाया गया। सरकार ने गाड़ियों की स्पीड लिमिट कर दी थी। इसके बाद 2014 में ऑड-इवन स्कीम को लागू किया गया।
इटली ने दो शहरों में लागू किए थे नियम
इटली में 2015 में ऑड-इवन स्कीम को लागू किया गया। तब यह नियम दो सबसे शहर रोम और मिलान में लागू किया गया। दोनों शहरों में अलग-अलग समय पर वाहनों पर प्रतिबंध लगाए गए थे।
दिल्ली में 7 साल पहले केजरीवाल सरकार ने लागू किया नियम
दिल्ली में सबसे पहले एक जनवरी से 15 जनवरी 2016 तक ऑड-इवन स्कीम को लागू किया था। उस वक्त दिल्ली हाईकोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताते हुए टिप्पणी की थी कि दिल्ली में रहना गैस चैंबर के बराकर है।
2016 में प्रकाशित दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जब स्कीम को लगभग दो सप्ताह की अवधि के लिए लागू किया गया था, तो पीएम 2.5 और पीएम 1 की सांद्रता में गिरावट देखी गई थी। यूनिवर्सिटी ने शहर के तीन जगहों पीतमपुरा (मधुभान चौक), पंचकुइयां रोड और नजफगढ़ रोड पर एक अध्ययन किया।
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