Delhi Air Pollution AQI Level Update: दिल्ली-एनसीआर में सांसों को लेकर फिलहाल जद्दोजहद जारी है। करीब चार करोड़ से अधिक लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। राजधानी दिल्ली उससे सटे शहरों में पिछले चार दिनों का औसत एक्यूआई 400 के पार पहुंच चुका है। इस बीच मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगले 3 दिनों तक पूरे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर ऐसा ही रहेगा। वहीं 7 नवंबर के बाद इससे कुछ राहत मिल सकती है। जानें दिल्ली के विभिन्न इलाकों में कैसा है प्रदूषण का हाल…
सीपीसीबी के आंकड़ों की मानें तो नई दिल्ली के अशोक विहार इलाके में हवा की गुणवत्ता का लेवल रात में 1 बजे 999 दर्ज किया गया। वहीं राजधानी के बाकी इलाकों में प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब रही।
नीचे बनी टेबल में देखें 9ः30 बजे तक के आकड़े
दिल्ली – 410
पूसा- 376
लोधी रोड़ – 385
दिल्ली यूनिवर्सिटी- 456
एयरपोर्ट टर्मिनल 3 – 468
नोएडा – 466
मथुरा रोड़ – 410
आयानगर – 439
आईआईटी दिल्ली – 442
गुरुग्राम – 392
धीरपुर – 438
Air quality across Delhi continues to be in the 'Severe' category as per the Central Pollution Control Board (CPCB).
AQI in Aya Nagar at 464, in Dwarka Sector-8 at 486, in Jahangirpuri at 463 and around IGI Airport (T3) 480 pic.twitter.com/0dlvgOf19W
— ANI (@ANI) November 5, 2023
जल्द लागू हो सकता है ग्रैप-4
वहीं शादीपुर में 487, पंजाबी बाग में 465, आनंद विहार में 488, डाॅ. करनी सिंह शूटिंग रेंज में 454, ओखला में 448, बवाना में 463 और रोहिणी में 469 दर्ज किया गया। सीपीसीबी के मुताबिक शाम 7 बजे गाजियाबाद में एक्यूआई 408, ग्रेनो में 498, गुरुग्राम में 423 और फरीदाबाद में 441 दर्ज किया गया। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने दिल्ली में ग्रैप-3 लागू कर दिया है। वहीं अगर हालात नहीं सुधरे तो जल्द ही ग्रैप-4 भी लागू किया जा सकता है।
#WATCH | Sprinkling of water done in Delhi's National Zoological Park, as a measure against the rise in Air Quality Index (AQI) in the national capital (04/11) pic.twitter.com/ufyMDFV4YU
— ANI (@ANI) November 5, 2023
पंजाब में पराली के 6 हजार से अधिक मामले
इधर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समित के चेयरमैन अश्विनी कुमार ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर 6 राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ मीटिंग करने का अनुरोध किया है। उधर पंजाब में नवंबर के शुरुआती 4 दिनों में 6 हजार से अधिक जगहों पर पराली जलाई गईं हैं। हरियाणा में भी 208 जगहों पर 4 दिनों में पराली जलाई गई। विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले दिनों में पराली के और मामले सामने आ सकते हैं। हालांकि पिछले साल की तुलना में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। इसके बावजूद पराली के धुएं को दिल्ली में प्रदूषण के लिए सबसे जिम्मेदार कारकों में से एक माना जाता है।