नई दिल्ली। आज की गलाकाट प्रतियोगिता के जमाने में आदमी हरसंभव प्रयास करके खुद को आगे बढ़ाना चाहता है। आगे बढ़ने की यह रेस हमारी पर्सनल लाइफ से लेकर बड़ी एमएनसीज और कॉर्पोरेट कंपनियों तक चल रही है। अब इस रेस में जामताड़ा के ठग भी शामिल हो चुके हैं।
जी हां, जामताड़ा फर्जीवाडे से जुड़े कुछ लोगों ने तो अपने नेटवर्क को आगे बढ़ाने के लिए बाकयदा ट्रेनिंग सेंटर भी ओपन कर दिए हैं। इन सेंटर्स में कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक का क्रैश कोर्स चलाया जा रहा है। जिनमें लोगों को ठगना सिखाया जाता है।
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हाल ही में हरियाणा के मेवात और राजस्थान के कुछ इलाकों में पुलिस ने छापा मारकर जामताड़ा के कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही लगभग 2 लाख सिमकार्ड भी ब्लॉक किए गए थे। इन लोगों ने पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारी दी है।
नए मेंबर्स बनाने के लिए शुरू किए ट्रेनिंग कोर्स
गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने बताया कि जामताड़ा के शातिर ठगों ने राजस्थान के अलवर और भरतपुर में ट्रेनिंग कैंप भी आरंभ किए हैं। इन कैंप्स में साइबर क्राइम करने की ट्रेनिंग दी जाती है। यही नहीं, कैंप्स में सिखाने के लिए 15 से 20 हजार रुपए तक की फीस भी वसूली जा रही है।
क्या सिखाया जाता है ट्रेनिंग में
इन ट्रेनिंग कैम्प्स में युवाओं को साइबर क्राइम करने का पूरा तरीका सिखाया जा रहा था। फर्जी सिमकार्ड किस तरह ले सकते हैं, किस तरह बैंकों में फर्जी अकाउंट खुलवा सकते हैं, किस तरह लोगों को अट्रेक्ट कर उन्हें अपने जाल में फांसना है, यह सभी जानकारी ट्रेनिंग के दौरान दी जाती थी। एक तरह से यह अपराधियों की पाठशाला ही थी जो उन्हें ऑनलाइन फ्रॉड करने का तरीका सिखा रही थी।
फर्जी कॉल सेंटर के जरिए होती है ठगी
ठगी के सर्वाधिक प्रचलित तरीके में देश के अलग-अलग स्थानों पर फर्जी कॉल सेंटर खोले जाते हैं। इनमें लोगों को नौकरी, शॉपिंग, बैंक अकाउंट संबंधी सेवाएं देने के नाम पर आकर्षित किया जाता है। जब उनका इन फर्जी कॉल सेंटर्स पर विश्वास जम जाता है तो फिर उन्हें ठगने की शुरूआत होती है। इस तरह न केवल भारतीय वरन अमरीका तक के नागरिकों को ठगा जा रहा है।