Congress Slams PM Modi: मणिपुर में महिलाओं को न्यूड घुमाए जाने की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर कांग्रेस ने हमला बोला है। कांग्रेस ने पीएम मोदी के बयान को ‘बहुत कम, बहुत देर से’ वाला बताया और कहा कि केवल शब्दों से अब काम नहीं चलेगा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 1800 घंटे से अधिक की अक्षम्य चुप्पी के बाद प्रधानमंत्री ने आखिरकार मणिपुर पर कुल 30 सेकंड तक बात की।
कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मणिपुर में शासन की विफलताओं और मानवीय त्रासदी से ध्यान हटाने का प्रयास किया। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को नजरअंदाज़ करते हुए उन्होंने मणिपुर की घटना को अन्य राज्यों (खासकर विपक्ष द्वारा शासित राज्यों) में महिलाओं के ख़िलाफ़ हुए अपराधों से तुलना करने की कोशिश की।
जयराम बोले- पीएम मोदी ने सिर्फ एक वायरल वीडियो पर टिप्पणी की
जयराम रमेश ने कहा कि पहली बात तो उन्होनें मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के मुद्दे को पूरी तरह से नजरअंदाज़ कर दिया। उन्होंने न तो शांति की कोई अपील की और न ही मणिपुर के मुख्यमंत्री से अपना पद छोड़ने के लिए कहा। उन्होंने सिर्फ एक वायरल वीडियो पर टिप्पणी की। लेकिन यह तो मणिपुर में हुई बर्बर हिंसा की सैकड़ों घटनाओं का एक मात्र उदाहरण है।
आज 1800 घंटे से अधिक समय की असंवेदनशील और क्षमा न किए जाने योग्य चुप्पी के बाद आख़िरकार प्रधानमंत्री ने मणिपुर पर कुल 30 सेकंड तक बात की। उसके बाद उन्होंने मणिपुर में शासन की विफलताओं और मानवीय त्रासदी से ध्यान हटाने का प्रयास किया। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे… https://t.co/mTi0F2PoaM
---विज्ञापन---— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 20, 2023
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दूसरी बात, प्रधानमंत्री ने मणिपुर में सुनियोजित और लगातार जारी हिंसा को अन्य राज्यों में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामलों के साथ जोड़ने की कोशिश की। कांग्रेस शासित राज्यों में ऐसे अपराधियों को 24 घंटे के अंदर गिरफ़्तार किया गया है। मणिपुर में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ FIR दर्ज़ करने में 15 दिन लग गए और आज 64 दिन बाद, मणिपुर के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि गिरफ्तारियां हुई हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर में कानून और प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। हिंसा को रोकने के लिए समय पर कदम नहीं उठाए जाने के कारण हालात काफी भयावह हो गए हैं। अब केवल शब्दों से काम नहीं चलेगा। कथनी और करनी में फ़र्क नहीं दिखना चाहिए। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री जवाबदेही से नहीं बच सकते। मणिपुर के मुख्यमंत्री को तुरंत इस्तीफ़ा देना चाहिए। मणिपुर में शांति और समाधान के लिए INDIA लगातार जवाब मांगता रहेगा।
सुप्रिया श्रीनेत बोलीं- दुर्भाग्य है, आप इस देश के प्रधानमंत्री हैं
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने भी प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सत्र शुरू होने से पहले 8 मिनट 25 सेकंड बोले और उनके पास मणिपुर के लिए सिर्फ़ 36 सेकंड थे? मणिपुर पर बोलने के बजाय आप राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर ताने देने लगे?
प्रधानमंत्री मोदी सत्र शुरू होने से पहले 8 मिनट 25 सेकंड बोले – और उनके पास मणिपुर के लिए सिर्फ़ 36 सेकंड थे? मणिपुर पर बोलने के बजाय आप राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर ताने देने लगे?
घटना 77 दिन पुरानी है और आपको वाक़ई में अब पता चल रहा है इसके बारे में?
सच तो ये है कि इस हैवानियत… pic.twitter.com/h2MoVuWSln
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) July 20, 2023
श्रीनेत ने कहा कि घटना 77 दिन पुरानी है और आपको वाक़ई में अब पता चल रहा है इसके बारे में? सच तो ये है कि इस हैवानियत के आप भी उतने ही ज़िम्मेदार हैं जीतने वीडियो में दिखने वाले दरिंदे। आज इस देश की हर औरत नंगा महसूस कर रही है, लगता है कोई शरीर ही नहीं आत्मा को भी नोच रहा हो। धिक्कार है, लानत है आप पर मोदी जी, दुर्भाग्य है आप इस देश के प्रधानमंत्री हैं।
पीएम मोदी ने वायरल वीडियो को लेकर क्या कहा?
बुधवार को सामने आए दो महीने पुराने वीडियो पर देशव्यापी आक्रोश के बीच पीएम मोदी ने आज कहा कि मणिपुर की घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार कर दिया है और इसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कांग्रेस शासित राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ का भी जिक्र किया और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से महिलाओं की सुरक्षा की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट ने भी मणिपुर घटना की निंदा की
सुप्रीम कोर्ट ने भी मणिपुर की घटना की निंदा की और इसे बेहद परेशान करने वाला बताया और कहा कि दृश्य “घोर संवैधानिक विफलता” दिखाते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश को चेतावनी देते हुए कहा कि अदालत 28 जुलाई को मामले की सुनवाई करेगी।
बता दें कि पुलिस ने वायरल वीडियो की मदद से एक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, केंद्र ने ट्विटर और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को वीडियो को आगे प्रसारित न करने का आदेश दिया है। सरकार ने अपने निर्देशों में कहा कि भारतीय कानूनों का पालन करना अनिवार्य है और मामले की जांच चल रही है।