राज्यसभा में कांग्रेस ने गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। यह नोटिस कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने दिया। इस पर राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस मिला है। जिसमें उन पर आरोप है कि 25 मार्च को आपदा बिल पर चर्चा के दौरान उन्होंने सोनिया गांधी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था।
राज्यसभा के सभापति ने कहा कि अमित शाह की ओर से की गई टिप्पणी की जांच की गई है। उसमें कुछ भी गलत नहीं पाया गया है, क्योंकि उनका बयान दस्तावेजों के आधार पर दिया गया है। ऐसे में हम कांग्रेस के द्वारा दिए गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ा सकते। जयराम रमेश ने कहा कि 25 मार्च को गृहमंत्री ने डिजास्टर मैनेजमेंट बिल के दौरान सोनिया गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही थीं।
हमने मामला उठाने में जल्दबाजी की
उपराष्ट्रपति ने कहा कि विशेषाधिकार का उल्लंघन एक गंभीर मामला है। मैं इस बात से बहुत दुखी और दुखी हूं कि हमने विशेषाधिकार हनन का मामला उठाने में जल्दबाजी की। हम मीडिया के पास जाते हैं, उसे बढ़ावा देते हैं, छवि खराब करने की कोशिश करते हैं और मैंने कई मौकों पर कहा है कि यह सदन लोगों की प्रतिष्ठा को बर्बाद करने का मंच नहीं बनेगा। हमें इसकी रक्षा करनी होगी।
गृह मंत्री बयान झूठा और अपमानजनक
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जगदीप धनखड़ को लिखे पत्र में कहा कि मैं राज्यसभा और कार्य संचालन के नियम 188 के अनुसार गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देता हूं। उन्होंने राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आक्षेप लगाया है। भले ही गृहमंत्री ने सोनिया गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने उनका स्पष्ट रूप से उल्लेख किया। गृहमंत्री ने सोनिया गांधी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए नियोजित तरीके से उनके खिलाफ आरोप लगाए हैं। गृह मंत्री बयान झूठा और अपमानजनक है।
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