Jammu Kashmir Assembly Election 2024 : विशेष राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बन चुके जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव आयोजित होने जा रहे हैं। चुनाव आयोग की ओर से कार्यक्रम का ऐलान किए जाने के बाद चुनावी तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इसी को लेकर कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को बड़ा ऐलान कर दिया। दरअसल, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आगामी विधानसभा चुनाव साथ लड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज श्रीनगर पहुंचे थे। यहां पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गठबंधन होगा और इसमें कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं के सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा। राहुल ने यह भी कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को सिर्फ पसंद नहीं करता, मैं आपसे मोहब्बत करता हूं।
मैं जम्मू और कश्मीर के लोगों से मोहब्बत करता हूं ❤️ pic.twitter.com/bWxrywfXKC
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राहुल गांधी ने कहा कि जब देश के अन्य राज्यों में चुनावों का ऐलान किया गया तो मैं मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस अध्यक्ष) से मिला। हमने फैसला किया कि हमें सबसे पहले जम्मू-कश्मीर जाना चाहिए क्योंकि हम देश के लोगों को यह संदेश देना चाहते थे कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का प्रतिनिधित्व हमारे लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया हो। अगर किसी ने जम्मू-कश्मीर में विश्वास और बहादुरी के साथ काम किया है तो वह कांग्रेस के नेता हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस नफरत को मोहब्बत से हराएगी। इससे पहले राहुल और खड़गे ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की थी और तैयारियों का फीडबैक किया था।
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भाजपा की तैयारियां कैसी?
उधर, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने वाली भाजपा भी इन चुनावों के लिए कमर कस चुकी है। रिपोर्ट्स के अनुसार भाजपा राज्य की 36 सीटों पर ध्यान केंद्रित करेगी। ये सभी सीटें जम्मू संभाग की बताई जा रही हैं। भाजपा की योजना हिंदू बाहुल्य वाली 36 सीटें जीतकर आसानी से सरकार बनाने की है। दरअसल, इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को 36 सीटों पर बढ़त मिली थी। कहा जा रहा है कि भाजपा इस बढ़त का फायदा विधानसभा चुनावों में भी उठाना चाहती है। चर्चा है कि भाजपा अपने प्रत्याशियों का सेलेक्शन जातीय समीकरण देखते हुए करेगी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस भले ही जीत न पाई हो लेकिन उसके प्रदर्शन में काफी सुधार आया था। हालांकि, जम्मू-कश्मीर में हाल कैसा होगा यह तो 4 अक्टूबर को मतगणना के बाद ही पता चलेगा।
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