कोल्ड्रिफ कफ सिरप से मध्य प्रदेश, राजस्थान में कई बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं, अब इस मामले में एक्शन लेते हुए श्रीसन फार्मा को स्थायी रूप से बंद करने का फैसला किया गया है. बता दें कि तमिलनाडु के फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में चार दशकों से अधिक समय से सक्रिय जी. रंगनाथन को मध्यप्रदेश में कफ सिरप से अब तक 20 बच्चों की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया है. 73 वर्षीय रंगनाथन ने मद्रास मेडिकल कॉलेज से फार्मेसी में स्नातक किया हुआ है.
1980 के दशक में उन्होंने पहली बार ‘प्रोनिट’ नामक न्यूट्रिशनल सिरप से दवा बाजार में कदम रखा था. ये सिरप गर्भवती महिलाओं के लिए था और उस समय बड़े ही कम समय में चेन्नई के घर-घर में इस सिरप ने अपनी धाक जमा ली दी. प्रोनिट के बाद रंगनाथन ने धीरे-धीरे अपनी कंपनी को बड़ा किया. जानकारी के अनुसार 1990 में उन्होंने ‘स्रेसन फार्मास्यूटिकल्स’नामक कंपनी बनाई.
मध्य प्रदेश में 20 बच्चों की मौत
जानकारी के अनुसार जहरीले कफ सिरप से अब तक मध्यप्रदेश में करीब 20 बच्चों की मौत हो चुकी है, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी चार से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है, जिसकी जांच चल रही है. 9 अक्टूबर को जांच एजेंसियों ने जी. रंगानाथन को पकड़ा है, पुलिस अधिकारियों के अनुसार उनके बयान लिए जा रहे हैं. पूछताछ में कफ सिरप से बच्चों की मौत में बड़े खुलासे होने की उम्मीद है.
फार्मास्यूटिकल कंपनी की लापरवाही आई सामने
मध्य प्रदेश के छिन्दवाड़ा, बैतूल और पांढुर्ना में अभी तक लगभग 20 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस मामले में जांच के दौरान तमिलनाडु की कांचीपुरम कंपनी श्रीसेन फार्मास्यूटिकल कंपनी की घोर लापरवाही सामने आई है. जिसके बाद सरकार की ओर से कंपनी के खिलाफ FIR कार्रवाई दर्ज की गई है.
स्वास्थ मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि 600 दवाओं का जो लॉट भेजने वाली कंपनी को लाइसेंस किसने दिया. यह इन्वेस्टिगेशन का विषय है. फिर वह स्टॉकिस्ट के पास आई और रिटेलर के पास छिंदवाड़ा में भेजी गई. इसकी गहराई से जांच होनी है. लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
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