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‘क्लीन चिट की कीमत चुका रहा है भारत’, चीनी विदेश मंत्री के दौरे से पहले कांग्रेस का पीएम पर बड़ा हमला

चीन के विदेश मंत्री वांग यी तीन दिवसीय भारत दौरे पर आज नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि 19 जून 2020 को पीएम मोदी द्वारा चीन को दी गई क्लीन चिट का देश को भारी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। रमेश ने चीन-पाक सैन्य सहयोग, यारलुंग त्संगपो बांध, और देपसांग-गलवान में ‘डिसएंगेजमेंट’ समझौते को लेकर सरकार पर सवाल उठाए।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Aug 18, 2025 10:52
China Foreign Minister
चीनी विदेश मंत्री के भारत दौरे से पहले कांग्रेस का पीएम मोदी पर हमला

चीन के विदेश मंत्री तीन दिन के भारतीय दौरे पर आज नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। वह भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करने वाले हैं। चीन के विदेश मंत्री के दौरे से पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोला है और कहा है कि भारत 19 जून, 2020 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सार्वजनिक रूप से चीन को दी गई (कुख्यात) क्लीन चिट की कीमत चुका रहा है, जब उन्होंने कहा था, “न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है।”

‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की चीन ने की मदद’

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी आज भारत पहुंच रहे हैं। सिर्फ तीन महीने पहले ही चीन ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरी सैन्य मदद दी थी। इस दौरान उसने पाकिस्तान को J-10C लड़ाकू विमान, PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल सहित कई मिसाइलें और ड्रोन उपलब्ध कराए। उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ लाइव इंटेलिजेंस भी दी थी। उन्होंने 4 जुलाई के अपने बयान में यहां तक कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत जिन “विरोधियों” से लड़ रहा था, उनमें चीन भी शामिल था।

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‘यारलुंग त्संगपो नदी पर चीन बना रहा बांध’

उन्होंने आगे लिखा कि चीन ने यारलुंग त्संगपो नदी पर 60 गीगावाट क्षमता वाले मेदोग बांध का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है, जिसके निहितार्थ भारत के लिए अत्यंत गंभीर साबित हो सकते हैं। स्पष्ट रूप से भारतीय सेना की यह इच्छा रही है कि अप्रैल 2020 की स्थिति को बहाल किया जाए, लेकिन सरकार ने अक्टूबर 2024 में चीन के साथ “डिसएंगेजमेंट” समझौता मान लिया, जिसके तहत अब भारतीय गश्ती दलों को देपसांग, देमचोक और चुशूल में अपने गश्ती बिंदुओं तक पहुंचने के लिए चीनी सहमति लेनी पड़ती है।

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जयराम रमेश ने आगे लिखा है कि भारत ने गलवान, हॉट स्प्रिंग और पैंगोंग त्सो में “बफर जोन” पर भी सहमति जताई है, जो भारत के दावे वाली रेखा के भीतर आते हैं। यह चीनी आक्रमण से पहले की यथास्थिति से कोसों दूर है। भारत 19 जून, 2020 को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सार्वजनिक रूप से चीन को दी गई (कुख्यात) क्लीन चिट की कीमत चुका रहा है, जब उन्होंने कहा था, “न कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है।” प्रधानमंत्री का यह बयान न केवल कायराना था, बल्कि इससे जून 2020 में गलवान में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों के बलिदान का भी अपमान हुआ।

First published on: Aug 18, 2025 10:50 AM

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