नई दिल्ली: जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक आतंकी मसूद अजहर को एक बार फिर चीन का साथ मिला है। मसूद के भाई अब्दुल रऊफ अजहर को आतंकी घोषित करने के भारत और अमेरिका के प्रस्ताव पर चीन ने रोक लगा दी है। अब्दुल रऊफ अजहर के बारे में कहा जाता है कि वह IC814 अपहरण का मुख्य साजिशकर्ता था।
सूत्रों के मुताबिक, अब्दुल रऊफ असगर कई आतंकी हमलों की योजनाओं को बनाने और उसे अंजाम देने में शामिल है। इनमें इंडियन एयरलाइंस के विमान का अपहरण (1999), भारतीय संसद पर हमला (2001) और भारतीय वायुसेना पर पठान कोट में हमला (2016) शामिल है। लेकिन जब आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की साझा लड़ाई की बात आती है तो चीन की हरकतें उसके दोहरे रवैये और दोहरे मानकों को उजागर कर देती है।
Abdul Rauf Asghar, dy chief of Jaish-i-Mohammad & younger brother of Masood Azhar, is involved in planning & execution of numerous terror attacks, incl hijacking of Indian Airlines aircraft (1999), attack on Indian Parliament (2001)&attack on IAF base in Pathankot (2016): Sources
— ANI (@ANI) August 11, 2022
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बुधवार को चीन ने प्रस्ताव पर लगाई रोक
चीन ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के प्रतिबंधों के तहत इंडियन एयरलाइंस फ्लाइट के अपहरण के मास्टरमाइंड में से एक पाकिस्तान के आतंकवादी अब्दुल रऊफ अजहर को आतंकियों की लिस्ट में शामिल करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के संयुक्त प्रस्ताव पर रोक लगा दी।
अब्दुल रऊफ अजहर को रऊफ असगर के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि मुख्य साजिशकर्ता के रूप में उसने 24 दिसंबर, 1999 को काठमांडू नेपाल में त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक यात्रा करने वाले IC814 के अपहरण की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। साथ ही साथ 2001 में भारतीय संसद पर भी हमला किया और 2016 में पठानकोट में भारतीय वायु सेना के अड्डे पर हमला भी किया।
जानकारी के मुताबिक, अब्दुल अजहर करे वैश्विक यात्रा प्रतिबंध और उसकी संपत्ति को फ्रीज करने के प्रस्ताव पर चीन की ओर से अंतिम समय में रोक लगा दी गई थी। बता दें कि सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के सभी 15 सदस्यों की ओर से इस तरह के कदम पर सहमति होनी चाहिए।
मक्की पर भी प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को रोका था
यह दूसरी बार है जब चीन ने पिछले 2 महीनों में आतंकवाद और उसे पनाह देने वाले पाकिस्तान के समर्थन में वीटो का इस्तेमाल किया है। इससे पहले जून में चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रतिबंधों के तहत पाकिस्तान स्थित आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को आतंकियों की सूची में शामिल करने के लिए अमेरिका-भारत के संयुक्त प्रस्ताव पर रोक लगा दी थी।
अमेरिका की ओर से घोषित आतंकवादी और लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख के बहनोई और 26/11 के मास्टरमाइंड जमात उद दावा के चीफ हाफिज सईद को ग्लोबल आतंकवादी के रूप में लिस्ट में शामिल करने के प्रस्ताव पर बीजिंग ने रोक लगा दी थी।
जमात-उद-दावा (JuD) का आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की भी भारत में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत एक घोषित आतंकवादी है। भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल और अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत मक्की को आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था।