Guidelines issued for video coverage in Silkyara Tunnel Uttarkashi: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इस बीच सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मंगलवार को वीडियो कवरेज के लिए टेलीविजन चैनलों के लिए एक गाइडलाइन जारी की है। जिसमें घटनास्थल पर चलाए जा रहे बचाव अभियान को सनसनीखेज बनाने और सुरंग के नजदीक से कोई भी लाइव पोस्ट या वीडियो बनाने से बचने की सलाह दी गई है।
बचाव अभियान में कोई बाधा ना आए
12 नवंबर को टनल धंसने से यह हादसा हुआ था, जिसमें 41 मजदूर फंस गए थे। मजदूरों को पाइप के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा है। साथ ही, गाइडलाइन में टीवी चैनलों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि ऑपरेशन स्थल के पास या आसपास कैमरामैन, पत्रकारों या डिवाइस की मौजूदगी से बचाव अभियान में किसी भी तरह की कोई बाधा न आए। मंत्रालय ने कहा कि सरकार लगातार संपर्क बनाए हुए है और दो किलोमीटर लंबी सुरंग वाले हिस्से में फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने के लिए सभी प्रयास कर रही है।
VIDEO | Uttarkashi tunnel collapse: "The speed (of the auger machine) is 5 metre per hour. However, we have not been able to achieve that speed due to many difficulties," says NHIDCL director Anshu Manish Khalkho.
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/rScwOUCvrk
— Press Trust of India (@PTI_News) November 21, 2023
रिपोर्टिंग के दौरान बरतें सावधानी
गाइडलाइन में इसके मंत्रालय ने सभी टीवी चैनलों को सलाह दी है कि वह मामले की रिपोर्टिंग करते समय सतर्क और संवेदनशील रहें, खासकर हेडलाइन, वीडियो और तस्वीरें डालते समय और ऑपरेशन की संवेदनशील गतिविधियों का ध्यान रखें। इससे पहले आज, बचाव दल सुरंग में एक एंडोस्कोपी कैमरा डालने में कामयाब रहे और कैप्चर किए गए पहले दृश्यों से पता चला कि 41 श्रमिकों के पास सुरंग के अंदर घूमने के लिए पर्याप्त जगह थी।
फंसे मजदूरों के फुटेज आए सामने
पिछले 10 दिनों से उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के फुटेज मंगलवार सुबह सामने आए, जिससे चिंतित रिश्तेदारों को राहत मिली है, बता दें कि 12 नवंबर को सिलक्यारा से बारकोट तक एक सुरंग के निर्माण के दौरान सुरंग के 60 मीटर के हिस्से में मलबा गिरने के कारण 41 मजदूर फंस गए थे।
(Zolpidem)
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