केंद्र सरकार ने हाल ही में एक राजपत्र अधिसूचना जारी की है जिसमें ऑपरेशन सिंदूर सहित विभिन्न अभियानों में वीरता पुरस्कार प्राप्त रक्षा बलों के प्रशस्ति पत्रों की घोषणा की गई है. राजपत्र में शामिल वीरता पुरस्कार प्रशस्ति पत्र मुख्य रूप से भारतीय वायु सेना और भारतीय थल सेना के कर्मियों के हैं.
आईसी-69077एन कर्नल कोषांक लांबा, 302 मीडियम रेजिमेंट
अधिसूचना के मुताबिक, कर्नल कोषांक लांबा ने बेजोड़ नेतृत्व का परिचय दिया और अल्प सूचना पर एक विशेष उपकरण बैटरी का पहला हवाई संचालन किया, जिससे पूर्ण गोपनीयता के साथ ‘ऑपरेशन’ के लिए समय पर अंतर-कमान प्रेरण सुनिश्चित हुआ. भारतीय सेना के पारंपरिक सैन्य सिद्धांतों को दर्शाते हुए, गोलाबारी के बीच असाधारण वीरता, पराक्रम और साहस का प्रदर्शन करने के लिए कर्नल कोषांक लांबा को “वीर चक्र” से सम्मानित किया गया.
आईसी-72358पी लेफ्टिनेंट कर्नल सुशील बिष्ट, 1988 (स्वतंत्र) मध्यम बैटरी
एक ऑपरेशन के दौरान ऑफिसर कमांडिंग के रूप में लेफ्टिनेंट कर्नल सुशील बिष्ट ने असाधारण साहस, नेतृत्व और संचालन कौशल का परिचय दिया. उन्होंने आतंकवादी शिविरों को पूरी तरह से नष्ट करके अपनी यूनिट को शानदार सफलता दिलाई. दुश्मन के सामने अदम्य वीरता, दृढ़ नेतृत्व और अद्वितीय साहस का परिचय देने के लिए, लेफ्टिनेंट कर्नल सुशील बिष्ट को “वीर चक्र” से सम्मानित किया गया है.
ग्रुप कैप्टन रणजीत सिंह सिद्धू, फ्लाइंग (पायलट)
ग्रुप कैप्टन रणजीत सिंह सिद्धू, फ्लाइंग (पायलट) एक ऑपरेशन के दौरान, दुर्जेय लड़ाकू विमान से लैस उनके स्क्वाड्रन को एक पूर्व-निर्धारित लक्ष्य पर हमला करने के लिए चुना गया था. इसके बाद, उनके स्क्वाड्रन ने लक्ष्यों पर सफल हमले किए और वांछित उद्देश्यों को प्राप्त किया. अपने असाधारण वीरता और साहस के लिए, ग्रुप कैप्टन रणजीत सिंह सिद्धू को “वीर चक्र” से सम्मानित किया गया है.
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