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5 हजार घूस लेने वाले रेलवे इंजीनियर पर एक लाख का जुर्माना, तीन साल की सजा, CBI कोर्ट ने सुनाया फैसला

CBI ने रेलवे के तत्कालीन मंडल अभियंता हरीश किशोर गुप्ता को रिश्वत लेने के मामले में दोषी पाते हुए तीन साल के कठोर कारावास और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा दिलवाई है। आरोपी ने 2010 में एक रेलवे ठेकेदार से 5 हजार रुपये की अवैध रिश्वत ली थी। CBI ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Avinash Tiwari Updated: Jul 21, 2025 22:20
CBI
रेलवे अधिकारी को तीन साल कठोर कारवास की सजा (फोटो सोर्स- ANI)

सीबीआई ने एक घूसखोर रेलवे अधिकारी को तीन साल की सजा सुनाई है। रेलवे अधिकारी ने 5 हजार रुपये घूस ली थी, अब उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सीबीआई की तरफ से एक प्रेस रिलीज में बताया गया कि CBI की अहमदाबाद की विशेष अदालत ने इस मामले में अपना फैसला दिया है।

5000 रुपये की रिश्वत पर एक लाख की फाइन

सीबीआई की तरफ से बताया गया कि सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, अहमदाबाद ने 21 जुलाई को एक फैसला सुनाया और आरोपी हरीश किशोर गुप्ता (तत्कालीन मंडल अभियंता (सी), भावनगर पारा, डीआरएम कार्यालय, पश्चिम रेलवे, भावनगर) को 5000 रुपये की अवैध रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के मामले में 1,00,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

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सीबीआई ने 15 जुलाई 2010 को रेलवे डिविजनल इंजीनियर हरीश किशोर गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप लगाया गया था कि आरोपी हरीश किशोर गुप्ता ने शिकायतकर्ता, एक रेलवे ठेकेदार से 5000 रुपये की अवैध रिश्वत की मांग की और इसे स्वीकार भी कर लिया था।

15 साल बाद आया फैसला

इसके बाद हरीश किशोर गुप्ता को दिनांक 16.07.2010 को गिरफ्तार किया गया और उनके घर के साथ ही ऑफिस की भी तलाशी ली गई। 29.06.2011 को हरीश किशोर गुप्ता के खिलाफ अवैध रिश्वत मांगने और स्वीकार करने तथा आपराधिक कदाचार के अपराध के लिए आरोप-पत्र दाखिल किया गया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी हरीश किशोर गुप्ता को दोषी पाया गया और उन्हें तीन साल की कठोर सजा दी गई। इसके साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

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वहीं एक अन्य मामले में सीबीआई ने लखनऊ और वाराणसी में तैनात उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे  के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जानकारी के अनुसार, यह मामला रिश्वत के बदले गति शक्ति परियोजना के एक ठेकेदार से अनियमित बिलों को पारित करने की अनुमति देने से जुड़ा हुआ है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि विवेक कुशवाहा ने निजी ठेकेदार और खुद को लाभ पहुंचाने के लिए रिश्वत के बदले बढ़ा-चढ़ाकर बिलों को मंजूरी दी।

First published on: Jul 21, 2025 10:20 PM

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