बोधगया। बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा नववर्ष के पहले दिन लोगों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने बोधगाया में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, मुझे सपना आया था। मैं 115 वर्ष तक जीवित रहूंगा। उन्होंने कहा शरीर और काय जो प्राप्त हमें हुआ है, उससे त्रिपिटक का अध्ययन कर जानने की चेष्टा कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि बौद्ध दर्शन के प्रति पश्च्यात देशों के लोगों में भी विश्वास बना है।
"बौद्ध धर्म को नष्ट करने के चीन के प्रयास सफल नहीं होंगे"
---विज्ञापन---◆ बौद्ध धर्म गुरु @DalaiLama का बयान
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चीन पहले बौद्ध राष्ट्र था
आगे बौद्ध धर्मगुरु ने कहा कि आज पूरे विश्व में बौद्ध धर्म फैल रहा है। बौद्ध दर्शन और मनोविज्ञान को लोग सीख रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन पहले बौद्ध राष्ट्र था। बाद में चीन की सरकार नहीं मानी। लेकिन वहां के लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं। मैं विश्वास रखता हूं कि तिब्बत से आए बौद्ध लामा व श्रद्धालु मेरे लिए प्रार्थना कर रहे हैं, यह शुभ अवसर मेरे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। काय और चित्त ठीक होने के कारण आप मेरे बारे में ज्यादा चिंता मत कीजिए। हम लंबी आयु जिएंगे।
शून्यता और बोधिचित्त का अभ्यास करें यह लोग
उन्होंने कहा हमारी सोच के बारे में विश्व के लोग जानते हैं। सभा में बड़ी संख्या में लामा और अन्य श्रद्धालु मौजूद थे। उन्हें संबोधित करते हुए बौद्ध धर्म गुरु ने कहा कि शून्यता और बोधिचित्त का अभ्यास करते रहें। इससे जीवन अच्छा रहेगा। तिब्बती बौद्ध परंपरा विश्व की परंपरा है। वास्तव में यह शुभ अवसर है हमारे लिए कि तिब्बती पंथ के गेलुक, शाक्या, निगमा और अन्य पंथ के लोग यहां पर हमार दीर्घायु के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। उत्सव का दिन है नए उत्साह के साथ यह नववर्ष अच्छा रहेगा, आप सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं। बता दें इससे पहले बोधगया में दलाई लामा पर नजर रखते हुए एक चीनी जासूस को देखा गया था। बिहार पुलिस ने महिला का स्केच भी जारी किया था।