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बीजेपी-आरएसएस के बीच पुल बने राजनाथ सिंह! बढ़ा कद, रक्षामंत्री के घर हुई मीटिंग के मायने क्या?

Rajnath Singh News: केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के घर हुई बैठक को पार्टी नेताओं ने रूटीन मीटिंग करार दिया। समझा जा रहा है कि इस मीटिंग पार्टी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई है। साथ ही बांग्लादेश के राजनीतिक संकट पर भी बात हुई है।

Author Edited By : Nandlal Sharma Updated: Aug 13, 2024 13:54
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह आरएसएस और बीजेपी के बीच पुल बने हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह आरएसएस और बीजेपी के बीच पुल बने हुए हैं।

Rajnath Singh News: लोकसभा चुनाव नतीजों के बीजेपी के भीतर बहुत कुछ बदल दिया है। ये यूपी बीजेपी की चल रही उठापटक को देखकर तो समझ आता ही है, लेकिन दिल्ली में चल रही गतिविधियों को देखकर भी स्पष्ट हो जाता है कि 4 जून को आए लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद समीकरण बदले हैं। इसे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर बीजेपी और आरएसएस के बड़े नेताओं की हुई मीटिंग से समझा जा सकता है।

नरेंद्र मोदी के दिल्ली आने 2014 के बाद की राजनीति में पहली बार बीजेपी और आरएसएस की बड़ी बैठक राजनाथ सिंह के आवास पर हुई है। इसका साफ संकेत है कि राजनाथ सिंह की भूमिका पार्टी और संगठन में बढ़ी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजनाथ सिंह के आवास पर पार्टी से जुड़े मुद्दों और बांग्लादेश संकट पर नेताओं ने 5 घंटे विचार विमर्श किया है।

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हालांकि पार्टी पदाधिकारियों ने इस मीटिंग को रूटीन मीटिंग बताया, लेकिन राजनाथ सिंह के घर पर इस मीटिंग के आयोजन से यह बैठक खास हो जाती है। इससे यह भी पता चला है कि संघ और बीजेपी के बीच राजनाथ सिंह कड़ी बनकर उभरे हैं।

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बीजेपी को चुनना है नया अध्यक्ष

बता दें कि बतौर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। पार्टी को नया अध्यक्ष चुनना है। इस कड़ी में राजनाथ सिंह के घर हुई बैठक अहम हो जाती है।

बीजेपी अध्यक्ष के चुनाव में RSS की चलेगी

जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू हो चुकी है। लेकिन, बीजेपी को योग्य उम्मीदवार ढूंढ़ने में मुश्किल आ रही है। सबसे बड़ी बात कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद आरएसएस ने अपने मुखपत्रों के जरिए सरकार की आलोचना में तेवर तीखे कर लिए हैं और संगठन के चुनाव में भी अपना हस्तक्षेप चाहता है। आरएसएस नेताओं के बयानों को देखें तो साफ समझ आता है कि बीजेपी और आरएसएस के बीच रस्साकशी बढ़ी है।

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आरएसएस प्रमुख ने मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर सरकार की आलोचना के साथ यह भी कह दिया था कि ‘प्रगति का कोई अंत नहीं है… लोग सुपरमैन बनना चाहते हैं। फिर देवता बनना चाहते हैं और फिर भगवान…’ मोहन भागवत के इस बयान को बीजेपी शीर्ष नेतृत्व की तीखी आलोचना के रूप में देखा गया।

राजनाथ के घर बैठक के मायने

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विश्वास पात्र हैं। जानकार बताते हैं कि संघ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की बात सुनता है। अगर राजनाथ सिंह के घर हुई बैठक में शामिल लोगों को देखें तो केंद्रीय मंत्री अमित शाह, भाजपा महासचिव (संगठन) बीएल संतोष, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले और संयुक्त सह सरकार्यवाह अरुण कुमार भी बैठक में मौजद थे। साफ है कि बीजेपी और आरएसएस के नेता चलकर राजनाथ सिंह के घर पहुंचे हैं।

यह घटनाक्रम बताता है कि 2024 चुनाव नतीजों ने पार्टी और संगठन में राजनाथ सिंह का प्रभाव बढ़ा दिया है। वह पार्टी और संगठन के बीच पुल बने हुए हैं। चुनाव नतीजों को अभी दो महीने हुए हैं। देखना होगा बीजेपी की कमान किसे मिलती है।

First published on: Aug 13, 2024 01:38 PM

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