कुमार गौरव,नई दिल्ली: राम मंदिर निर्माण शुरू होने और धारा 370 खत्म होने के बाद अब बीजेपी समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून के जरिए 2024 को फतह करने की रणनीति पर काम कर रही है। समान नागरिक संहिता को लेकर बीजेपी ने बड़ी रणनीति बनाई है। बीजेपी की कोशिश है कि 2024 के पहले समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून पर देश भर में बहस शुरू हो जाए और ये बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन जाए।
बीजेपी अब इन दोनों मुद्दों पर संसद से लेकर सड़क तक की रणनीति पर काम करती हुई नजर आ रही है। समान नागरिक संहिता को अमली जामा पहनाने के लिए बीजेपी ने तीन स्तरकी तैयारी की है। पार्टी सूत्रों की माने तो संसद में अपने सांसदों के जरिए इस मुद्दे को उठवा कर विपक्ष के रुख का बीजेपी टेस्ट कर रही है । इससे पता चलेगा कि विपक्ष विरोध के लिए एकजुट हो पा रहा है या नही। साथ ही यह भी जाना जा सके कि विपक्ष किस हद तक इन मुद्दों का विरोध कर रहा है।
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यही वजह है कि लोकसभा और राज्यसभा में बीजेपी अपने सांसदों के जरिए इस मुद्दे पर प्राइवेट मेंबर बिल पेश करवा रही है, जो बहुत हाई प्रोफाइल नहीं है। लोकसभा में निशिकांत दुबे और रवि किशन ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का मुद्दा उठाया तो राज्यसभा में राजस्थान के बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा ने समान नागरिक संहिता पर प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया।
अभी बीजेपी के कई और सांसद,यूसीसी और जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे को सदन में उठाएंगे। सूत्रों के मुताबिक देशभर के सभी राज्यों में संघ के अलग-अलग संगठनों के साथ मिलकर बीजेपी के कार्यकर्ता सभी जिलों में कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपकर समान नागरिक संहिता की मांग करेंगे। इसके लिए बीजेपी हस्ताक्षर अभियान भी चलाएगी, जिसमे वो विश्व हिंदू परिषद और दूसरे हिंदू संगठनों का भी सहयोग लेगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस मुद्दे पर बीजेपी 100 करोड़ हस्ताक्षर कराने का भी लक्ष्य पार्टी ने तय किया है,जिससे ये साबित किया जा सके कि पूरा देश समान नागरिक संहिता की मांग कर रहा है। बीजेपी की तीसरी रणनीति है जिस पर सबसे पहले काम शुरू हुआ गया वो है,बीजेपी शासित राज्यों में राज्य सरकार समान नागरिक संहिता को लागू करें ताकि केंद्र सरकार के पास दलील रहे की राज्यों में कानून है तो केंद्रीय कानून भी बने ।
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