Anurag Thakur Manthan 2024: लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। ऐसे में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने न्यूज 24 के शो मंथन में हिस्सा लिया है। इस दौरान अनुराग ठाकुर ने कई मुद्दों पर खुलकर बात की है। देश के सूचना एंव प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बीजेपी की वॉशिंग मशीन पर भी चर्चा की।
न्यूज 24 के मंच पर जब अनुराग ठाकुर से पूछा गया कि अजीत पवार और अशोक चव्हाण जैसे नेताओं पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा। मगर बीजेपी में शामिल होने के बाद उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई? अनुराग ठाकुर ने सवाल का सीधा जवाब ना देते हुए भारतीय जनता पार्टी का पक्ष रखा है।
विपक्ष पर साधा निशाना
मंथन के दौरान अनुराग ठाकुर ने विपक्ष को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि, जब कांग्रेस चुनाव जीत जाए तो राहुल गांधी जी ने जिता दिया और जब हार जाय तो ईवीएम ने हरा दिया। अगर राहुल गांधी जी को कोर्ट से बेल मिल जाए तो लोकतंत्र और राहुल गांधी जी की जीत है। अगर जेल में भेज दें या समन कर लें तो न्यायालय पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो जाता है। अगर संजय सिंह जेल में जाए तो ईडी बदनाम हो जाती है और ईडी बेल का विरोध ना करे तो ईडी को कोई कुछ नहीं कहता कि ईडी ने विरोध नहीं किया। ये तो चित भी मेरी और पट भी मेरी लेकिन ऐसा नहीं चलता।
जांच एजेंसियों पर उठे सवाल
जांच एजेंसियों पर लगातार उठ रहे सवाल पर बात करते हुए अनुराग ठाकुर का कहना है कि, देश की जांच एजेंसियां हैं वो अपना काम कर रही हैं। वो जांच कर रही हैं। आखिरकार उनको उनका काम करने देना चाहिए। कोर्ट सबूत मांगता है और सबूत जुटाकर सब वहां पर जाते हैं।
देश का पैसा खाने वाला जेल जाएगा
नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर बात करते हुए अनुराग ठाकुर कहते हैं कि, इसकी जिम्मेदारी न्यायालय की है और न्यायालय को तय करने दीजिए। जांच एजेंसियां जांच करती हैं और न्यायालय में सबूत पेश करती हैं। न्यायालय फैसला करता है कि किसको जेल होगी और किसको बेल होगी। इसमें कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है लेकिन अगर किसी ने देश का पैसा खाया है तो उसे जेल जाना ही पड़ेगा।
ईडी के समन पर पेश होते थे बीजेपी नेता
अनुराग ठाकुर ने ईडी के समन का जिक्र करते हुए कहा कि, जो लोग जांच एजेंसियों के बुलाने पर नहीं आते हैं। नौ बार समन देने पर भी पेश नहीं होते हैं। आप याद करिए जिन्होंने साठ साल सरकार चलाई आज वही संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं। लेकिन जब बीजेपी को इनके समन जाते थे तो सभी पेश होते थे। ये कोई नई बात नहीं है। अगर मोदी जी मुख्यमंत्री के रूप में आज से 20 साल पहले जा सकते थे, तो आज जाने में क्या बुराई है?