BJP on Bengal Govt: भाजपा के आई-टी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने दावा किया कि बंगाल में थियेटर मालिकों को ‘द केरला स्टोरी’ दिखाने पर धमकी दी जा रही है। स्थानीय प्रशासन की ओर से थिएटर मालिकों को ‘दंडात्मक कार्रवाई’ की धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से पश्चिम बंगाल में ‘द केरला स्टोरी’ पर प्रतिबंध हटाने के बावजूद राजधानी कोलकाता में एक भी थिएटर फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं कर रहा है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पर पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिबंध को पलट दिया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 8 मई को ‘शांति बनाए रखने’ के लिए फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। राज्य सरकार ने दावा किया कि अगर इसे प्रदर्शित किया गया तो उसे सांप्रदायिक गड़बड़ी की आशंका थी। बनर्जी ने ‘द केरल स्टोरी’ को एक विकृत फिल्म बताया, जिसका उद्देश्य दक्षिणी राज्य को बदनाम करना है।
After the Supreme Court lifted ban on The Kerala Story in West Bengal, not one theater in Kolkata is screening the movie, when they were all running houseful before Mamata Banerjee clamped down. Cinema hall owners are being threatened by the local administration with punitive…
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) May 20, 2023
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‘द केरला स्टोरी’ पर प्रतिबंध हटाते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने इस डिस्क्लेमर के साथ इसकी स्क्रीनिंग की अनुमति दी कि फिल्म एक ‘काल्पनिक संस्करण’ थी और इस्लाम में परिवर्तित होने वाली महिलाओं की संख्या के दावों का कोई प्रामाणिक डेटा नहीं था।
अमित मालवीय ने यह भी कहा कि अगर यह अदालत की अवमानना नहीं है तो क्या है? सुप्रीम कोर्ट को पश्चिम बंगाल के सीएम की अवज्ञा का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए … अगर ममता बनर्जी इस तरह के दंड के साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा सकती हैं, तो कोई भी कल्पना कर सकता है कि यहां कानून का शासन कितना कमजोर है।”
फिल्म डिस्ट्रिब्यूटर बोले- हालात में कोई बदलाव नहीं आया
बंगाल में फिल्म के वितरक सतदीप साहा ने कहा, “हालात में कोई बदलाव नहीं आया है…किसी भी सिनेमाघर मालिक ने अभी तक (फिल्म दिखाने के लिए) हां नहीं कहा है।”
बता दें कि 5 मई को थिएटर हॉल में रिलीज़ हुई ‘द केरला स्टोरी’ में दावा किया गया है कि केरल की महिलाओं को इस्लाम में धर्मांतरण के लिए मजबूर किया गया था और आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा भर्ती किया गया था।
इससे पहले 12 मई को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में ‘द केरल स्टोरी’ पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले पर पश्चिम बंगाल सरकार की खिंचाई की थी। अदालत ने कहा, “केरल स्टोरी बंगाल में क्यों नहीं रिलीज हो सकती? क्या यह कलात्मक स्वतंत्रता के बारे में है? फिल्म देश के बाकी हिस्सों में चल रही है।”