Bengal Poll Violence: पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में भाजपा की पांच सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए बंगाल पहुंची है। गुरुवार को फैक्ट फाइंडिंग टीम ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मुलाकात की।
बंगाल में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा हुई थी। इसके बाद 10 जुलाई को भी कुछ पोलिंग बूथ पर पुनर्मतदान कराया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक दिन बाद यानी 11 जुलाई को मतगणना के दिन भी हिंसा हुई थी। इसी सिलसिले में जांच के लिए बंगाल पहुंची भाजपा की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने राज्यपाल से मुलाकात की।
रविशंकर प्रसाद बोले- कई हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया
मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए प्रसाद ने कहा, (पंचायत चुनाव के संचालन में) कानून का घोर उल्लंघन हुआ। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को कई हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और कुछ चीजों पर ध्यान दिया। हम कुछ मंडल उम्मीदवारों के घर के अंदर गए, जिन पर हमला किया गया था। हम एक 13 वर्षीय लड़के से मिले, जिसे गहरी चोट लगी थी। महिलाएं डर में जी रही हैं और सीसीटीवी कैमरे क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लगाए गंभीर आरोप
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि चुनावी हिंसा के दौरान एक दिहाड़ी मजदूर के घर पर भी हमला किया गया, जिसे आजीविका की तलाश में घर छोड़कर तमिलनाडु जाना पड़ा था। घर बनाने के लिए मजदूर ने पैसे बचाए थे। उसका एकमात्र दोष यह था कि उसने अपने घर के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाई थी। हिंसा के बाद उसे डर के कारण राज्य से भागना पड़ा।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारी पूछताछ के दौरान पता चला कि पुलिस ने चुनाव-संबंधी हिंसा के अपराधियों के खिलाफ तत्परता नहीं दिखाई। हमने सभी पीड़ितों से जांच की कि क्या उन्होंने कानून लागू करने वालों के साथ शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसा किया, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
रविशंकर प्रसाद बोले- हमने राज्यपाल से कार्रवाई की मांग की
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमने राज्यपाल से मुलाकात की और मामले में पुलिस कार्रवाई की मांग की। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण और बेहद अफसोसजनक है। बता दें कि भाजपा ने मतदान और मतगणना के दिन हुई हिंसा की जांच के लिए मंगलवार को पांच सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन किया।
मतदान के दिन न केवल बड़े पैमाने पर हिंसा हुई बल्कि मतपत्रों, बक्सों को लूटने और धांधली की भी कई खबरें आईं। मुर्शिदाबाद, कूचबिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से पीठासीन अधिकारियों पर हमले की खबरें आईं। मतपेटियों में आग लगाए जाने और विभिन्न स्थानों पर चुनावी मैदान में उतरी पार्टियों के बीच झड़प की भी खबरें आई थीं।