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बाबा रामदेव के बाद IMA चीफ फंसे; पतंजलि के MD आचार्य बालकृष्ण ने क्यों दी सुप्रीम कोर्ट को शिकायत?

Supreme Court Notice to IMA Chief: पतंजलि योगपीठ के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण की याचिका पर IMA चीफ को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। आचार्य ने आरवी अशाेकन की टिप्पणियों पर सवाल उठाते हुए कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: May 8, 2024 08:47
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Supreme Court Notice to IMA Chief RV Ashokan Patanjali MD Petition
आचार्य बालकृष्ण की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है।

Acharya Balkrishna Petition Against IMA Chief: बाबा रामदेव के बाद अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) चीफ आरवी अशोकन मुश्किल में फंस गए हैं, क्योंकि पतंजलि के MD आचार्य बालकृष्ण ने उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने मांग की है कि अशोकन लगातार पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले की सुप्रीम कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर टिप्पणियां कर रहे हैं, जो अपमानजनक और अस्वीकार्य हैं। इसलिए सुप्रीम कोर्ट अशोकन के खिलाफ कार्रवाई करे।

याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अशोकन को नोटिस जारी करके जवाब देने को निर्देश दिए हैं। जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की। दोनों ने टिप्पणियों पर नाराजगी जताई और 14 मई को जवाब दाखिल करने का आदेश अशोकन को दिया। पतंजलि योगपीठ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने दलीलें पेश कीं।

 

सुप्रीम कोर्ट ने IMA चीफ के इंटरव्यू पर उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए आरवी अशोकन के इंटरव्यू पर सवाल उठाए। जस्टिस ने कहा कि जब मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है तो वे फैसला आने से पहले मुद्दे पर अपनी बात किस अधिकार से रख रहे हैं? उन्हें विवादित मुद्दे पर इंटरव्यू देने का हक किसतने दिया। पतंजलि भ्रामक विज्ञापन चला रहा था तो IMA चीफ ने क्या एक्शन लिया?

इसका जवाब दें। क्या उन्होंने अपना काम किया? बता दें कि IMA चीफ ने 29 अप्रैल को PTI को एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों से जुड़े मामले पर पूछे गए सवालों के जवाब में अस्वीकार्य टिप्पणियां की थीं। उन्होंने कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण था कि सुप्रीम कोर्ट ने एसोसिएशन और निजी डॉक्टरों की आलोचना की।

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पतंजलि को भ्रामक विज्ञापन तुरंत हटाने के निर्देश

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े अवमानना मामले की सुनवाई भी की और निर्देश दिया कि पतंजलि के कुछ प्रोडक्ट के लाइसेंस सस्पेंड किए हैं, लेकिन विज्ञापन अभी भी ऑनलाइन और चैनलों पर नजर आ रहे हैं, इन्हें तुरंत प्रभाव से हटाया जाए। केस की अगली सुनवाई पर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को पेश होना पड़ेगा, पेशी से छूट नहीं दी जाएगी।

दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि द्वारा समाचार पत्रों में छपवाए गए माफीनामे की तारीफ की। पतंजलि ने बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगी है। इस पर जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानउल्लाह ने माफीनामे पर संतोष जाते हुए पतंजलि के वकील मुकुल रोहतगी से कहा कि माफीनामा अपने आप में कंप्लीट है। इसमें उनके नाम भी दिए गए हैं और इसकी लैंग्वेज भी अच्छी है।

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First published on: May 08, 2024 08:25 AM

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