Supreme Court Order to IMA Chief: सुप्रीम कोर्ट ने आज पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन केस की सुनवाई हुई। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। आज ही सुनवाई के दौरान IMA चीफ आरवी अशोकन की टिप्पणियों खिलाफ दायर याचिका को भी सुना गया। दोनों मामलों में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने भ्रामक विज्ञापन केस में फैसला सुरक्षित रख लिया।
बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को सुनवाई के लिए व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दे दी। वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के चीफ आरवी अशोकन की खिंचाई की और उनके माफीनामे को खारिज करते हुए निर्देश दिए कि वे बाबा रामदेव की तरह सार्वजनिक तरीके से माफीनामा प्रकाशित कराकर ही माफी मांगें।
#WATCH | Yog guru Baba Ramdev arrives at the Supreme Court to attend the hearing relating to misleading advertisements by Patanjali Ayurved. pic.twitter.com/RLhdtpfEZk
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) May 14, 2024
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पतंजलि को हलफनामा दायर करने को 3 हफ्ते मिले
केस की सुनवाई जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने की। दोनों ने सहमति से पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव को जारी अवमानना नोटिस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। कंपनी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने हलफनामा दायर करने के लिए समय मांगा।
हलफनामे में पतंजलि के प्रोडक्ट्स के उन विज्ञापनों को वापस लेने के लिए उठाए जा रहे कदमों का विवरण दिया गया है, जिनके लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। पीठ ने हलफनामा दाखिल करने के लिए 3 सप्ताह का समय दिया है। कार्यवाही के दौरान इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष आरवी अशोकन ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले पर PTI को दिए इंटरव्यू में कई गई टिप्पणियों के लिए बिना शर्त माफी मांगने की पेशकश की।
अशोकन का माफी वाला हलफनामा स्वीकार नहीं किया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, IMA चीफ अशोकन की माफीनामे की पेशकश पर न्यायमूर्ति कोहली ने उनकी खिंचाई की। उन्होंने अशोकन को चेतावनी देते हुए कहा कि आप सोफे पर बैठकर प्रेस को साक्षात्कार नहीं दे सकते और अदालत की खिल्ली नहीं उड़ा सकते। पीठ ने IMA के वकील को कहा कि वह इस तरह से अशोकन के माफी वाले हलफनामे को स्वीकार करने के इच्छुक नहीं हैं। बेहतर होगा कि वे बाबा रामदेव की तरह सार्वजनिक तरीके से माफी मांगें।
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