April Warmest Month Since 1940: देश में गर्मी का कहर बढ़ता जा रहा है। मई की शुरुआत के साथ ही पारा आसमान छूने लगा है। मगर 1940 के बाद अप्रैल का महीना सबसे गर्म रहा है। कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 84 सालों के सभी अप्रैल महीनों में 2024 के अप्रैल महीने में गर्मी सबसे अधिक रही है।
कितना बढ़ा तापमान?
रिपोर्ट की मानें तो 1940 और 2024 के बीच में अप्रैल 2024 ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर में सबसे गर्म महीना रहा है। इस दौरान ऐवरेज एयर टेम्प्रेचर 15.03 डिग्री सेल्सियस था, जो कि 1991 और 2024 के बीच 0.67 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है। इससे पहले 2016 का अप्रैल महीना सबसे गर्म था। मगर 2016 की तुलना में अप्रैल 2024 के तापमान में 0.14 डिग्री सेल्सियस का इजाफा देखने को मिला है।
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महासागरों में गर्मी बढ़ी
बता दें कि अप्रैल के दौरान भारत की ज्यादातर जगहों का तापमान सामान्य से ऊपर रहा है। इसके अलावा अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कई जगहों पर गर्म पैचेस बने हैं, जिसकी वजह से आस-पास के इलाकों में गर्मी बढ़ गई है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आज यानी बुधवार को डेटा शेयर करते हुए बताया कि 1901 के बाद 2024 का अप्रैल 8वां सबसे गर्म महीना था। इस दौरान तापमान सामान्य से 2 डिग्री अधिक था। वहीं पूर्वी और दक्षिणी भारत पर बढ़ते तापमान का काफी असर पड़ा था।
अन्य देशों में भी बढ़ा तापमान
प्री-इंडस्ट्रीयल समय की बात करें तो 1850-1900 की तुलना में अप्रैल 2024 का महीना 1.58 डिग्री सेल्सियस गर्म था। मई 2023 से अप्रैल 2024 के बीच ग्लोबल तापमान सबसे ज्यादा रहा है। भारत के अलावा यूरोपीय देशों में भी पिछले 12 महीनों में अधिक तापमान दर्ज किया गया है। वहीं उत्तरी अमेरिका, पूर्वी एशिया, अरब देश समेत अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कुछ भागों में तापमान तेजी से बढ़ा है।
5 days warning maps dated 08.05.2024 pic.twitter.com/ZTEt0trFM9
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अल-नीनो बना वजह
रिपोर्ट के अनुसार प्रशांत महासागर में बनने वाली अल-नीनो परिस्थितियों के कारण भी तापमान बढ़ा है। दरअसल अल नीनो इफेक्ट की वजह से मरीन ऐयर टेम्प्रेचर में इजाफा होता है। यही वजह है कि अप्रैल 2024 में वैश्विक समुद्री सतह तापमान भी 21.04 डिग्री सेल्सियस था, जो अब तक का सबसे उच्चतम तापमान है।