नई दिल्ली: राज्य सभा में सोमवार को भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, 2022 पारित किया गया है। यह विधेयक अंटार्कटिक के बर्फीले महाद्वीप में भारत अनुसंधान केंद्र संचालित करने की रक्षा करने में सहायता करेगा।
कई वैज्ञानिक अन्वेषणों इस केंद्र का हिस्सा है।
Rajya Sabha passes Bill for protecting Antarctic environment
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— ANI Digital (@ani_digital) August 1, 2022
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समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार विधेयक का उद्देश्य सरकार के लिए यह सुनिश्चित करना आसान बनाना है कि उसके नागरिकों द्वारा दक्षिणी ध्रुव पर किए गए शोध और अन्य गतिविधियां किसी भी अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन न करें। भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, 2022 “अंटार्कटिक पर्यावरण और आश्रित और संबद्ध पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा के लिए राष्ट्रीय उपायों के लिए और अंटार्कटिक संधि, अंटार्कटिक समुद्री जीवित संसाधनों के संरक्षण पर कन्वेंशन और पर्यावरण संरक्षण पर प्रोटोकॉल को प्रभावी बनाने के लिए प्रदान करता है।
यह भी जानें
दरअसल, अंटार्कटिक संधि विधेयक को लोकसभा ने 22 जुलाई को पारित किया था। विधेयक कानूनी तंत्र के माध्यम से भारत की अंटार्कटिक गतिविधियों के लिए एक नियामक ढांचा प्रदान करता है जो भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम के कुशल संचालन में मदद करेगा। यह अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में भारतीय नागरिकों द्वारा किए गए अपराधों और विवादों से निपटने के लिए भारतीय अदालतों को अधिकार क्षेत्र प्रदान करता है।
विश्वसनीयता को बढ़ाना
यह अंटार्कटिक में पर्यटन के प्रबंधन और मत्स्य पालन के सतत विकास में भारत की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने की योजना बना रहा है। इसका उद्देश्य वैज्ञानिक अध्ययन और रसद में सहयोग के लिए ध्रुवीय शासन में भारत की अंतरराष्ट्रीय दृश्यता और विश्वसनीयता को बढ़ाना भी है।