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आंध्र प्रदेश में 4000 करोड़ का शराब घोटाला! SIT की जांच में चौंकाने वाला खुलासा

आंध्र प्रदेश में शराब क्षेत्र में 2019-2024 के बीच हुए कथित 4000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की जांच कर रही SIT अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार कर रही है। इसमें एक सांसद की मिलीभगत भी सामने आ रही है।

Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Mar 17, 2025 21:00

आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के शराब क्षेत्र में 2019 से 2024 तक हुई कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। अब इस विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच अपने अंतिम चरण में है। रिपोर्टों के अनुसार, वाईएसआरसीपी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में कथित रूप से 4,000 करोड़ रुपये की रिश्वत का लेन-देन हुआ।

ANI की रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश में नव-निर्वाचित एनडीए सरकार ने पिछली सरकार के दौरान शराब क्षेत्र में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए इसी साल 5 फरवरी को एसआईटी का गठन किया था। रिपोर्टों से पता चलता है कि शराब निर्माताओं ने जांचकर्ताओं के साथ सहयोग किया और पुष्टि की कि उनसे हर महीने लगभग 150-200 रुपये प्रति केस कथित रूप से वसूले गए, जिससे कुल मिलाकर लगभग 80 करोड़ रुपये प्रति माह रिश्वत के रूप में वसूले गए।

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सांसद कर रहा था रैकेट का संचालन

प्रमुख शराब निर्माताओं के बयानों से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि एक वाईएसआरसीपी सांसद कथित रूप से इस रैकेट का संचालन कर रहा था। सूत्रों का यह भी दावा है कि कथित तौर पर दो अधिकारियों के माध्यम से पैसा भेजा गया था, जबकि वाईएसआरसीपी के दो नेता रिश्वत घोटाले में कथित संदिग्ध हैं।

पूर्व CM जगन मोहन रेड्डी के फैसले के बाद शुरू हुआ खेला!

जांच कर रही टीम ने पाया है कि यह योजना कथित रूप से आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी द्वारा 2019 के चुनाव में शराबबंदी लागू करने के वादे से जुड़ी थी। इस बहाने से, निजी शराब की दुकानों को समाप्त कर दिया गया और केवल सरकारी दुकानों को ही शराब बेचने की अनुमति दी गई।

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राज्य द्वारा शराब की बिक्री को नियंत्रित करने के साथ, राष्ट्रीय ब्रांडों पर कथित रूप से बाहर निकलने का दबाव डाला गया, जिससे बाजार में केवल स्थानीय निर्माता ही रह गए। रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि पिछले पांच वर्षों में, कथित जबरन वसूली की मांग के कारण सभी राष्ट्रीय शराब ब्रांड आंध्र प्रदेश से हट गए। इसका फायदा लोकल शराब ब्रांड को हुआ और क्वालिटी को लेकर लोगों की चिंताएं भी बढ़ गई थीं।

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Edited By

Avinash Tiwari

First published on: Mar 17, 2025 09:00 PM

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