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नक्सलवाद पर काफी तल्ख दिखे अमित शाह के तेवर, समीक्षा बैठक से पहले एक्स पर पोस्ट कर जाहिर किए इरादे

Amit Shah said Naxalism a curse to humanity: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नक्सलवाद को लेकर कहा कि ये “मानवता के लिए अभिशाप” है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार वामपंथी उग्रवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रीय राजधानी में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) पर एक समीक्षा […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Oct 6, 2023 11:17
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गृहमंत्री शाह ने पुराने कानूनों को बदलने की बात दोहराई है।

Amit Shah said Naxalism a curse to humanity: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नक्सलवाद को लेकर कहा कि ये “मानवता के लिए अभिशाप” है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार वामपंथी उग्रवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रीय राजधानी में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने से कुछ घंटे पहले शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा कि नक्सलवाद मानवता के लिए एक अभिशाप है और हम इसे सभी रूपों में उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण और हमारे प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए आज नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के लिए उत्सुक हूं।

वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों के सीएम के साथ मिलकर करेंगे समीक्षा

बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षा करेंगे। इसमें बिहार, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, झारखंड, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और केरल के मुख्यमंत्रियों, गृह मंत्रियों या उनके प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है। इन राज्यों में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से प्रभावित माना जाता है। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के शीर्ष अधिकारी और केंद्र और राज्य सरकारों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। नियमित अंतराल पर होने वाली समीक्षा बैठक का उद्देश्य नक्सल प्रभावित राज्यों के विकास के साथ-साथ देश को वामपंथी उग्रवाद मुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करना है। वामपंथी उग्रवाद पर नकेल कसने के लिए केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों में इस दिशा में काफी सफलता देखने को मिली है। संयुक्त कार्रवाई से नक्सली हिंसा की घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट आई है।

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वामपंथी उग्रवाद के खतरे को संबोधित करने के लिए 2015 में बनी राष्ट्रीय नीति

हालांकि, केंद्र सरकार का मानना ​​है कि जब तक देश वामपंथी उग्रवाद की समस्या से पूरी तरह छुटकारा नहीं पा लेता, तब तक नक्सली आतंक से प्रभावित राज्य अपनी वास्तविक क्षमता का एहसास नहीं कर सकते। वामपंथी उग्रवाद कई दशकों से एक महत्वपूर्ण सुरक्षा चुनौती रहा है। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने वामपंथी उग्रवाद के खतरे को समग्र रूप से संबोधित करने के लिए 2015 में एक ‘राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना’ बनाई थी और प्रगति और स्थिति की सख्ती से निगरानी की जा रही है। वामपंथी उग्रवाद के प्रभाव को राज्यों से जड़ से उखाड़ने के लिए गृह मंत्रालय इसके लिए मदद कर रहा है। सरकार की तरफ से नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए सीएपीएफ, हेलीकॉप्टरों और आईआरब और विशेष इंडिया रिजर्व बटालियनों की मंजूरी देकर सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने में राज्य सरकारों का समर्थन कर रही है।

नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई महत्वपूर्ण चरण में

अमित शाह के अनुसार, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के विकास के लिए भारत सरकार ने कई विकासात्मक पहल की हैं। जिनमें 17,600 किलोमीटर सड़क को मंजूरी देना शामिल है। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में दूरसंचार कनेक्टिविटी में सुधार के लिए नए मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में लोगों के वित्तीय समावेशन के लिए कई डाकघर, बैंक शाखाएं, एटीएम और बैंकिंग संवाददाता खोले गए हैं। वामपंथी उग्रवाद के खतरे के खिलाफ लड़ाई अब एक महत्वपूर्ण चरण में है और सरकार जल्द से जल्द इस खतरे को मामूली स्तर तक कम करने को लेकर आशावादी है।

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News24 हिंदी

First published on: Oct 06, 2023 11:15 AM

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