ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को जाति जनगणना की प्रक्रिया जल्द शुरू किए जाने की मांग की। सांसद ने कहा कि 2029 के संसदीय चुनावों से पहले रिपोर्ट उपलब्ध होगी या नहीं, सरकार इसको लेकर स्थिति स्पष्ट करे। ANI की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में न्याय सुनिश्चित करने और प्रभावी सकारात्मक कार्रवाई के लिए यह अभ्यास महत्वपूर्ण है। जाति जनगणना होनी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि कौन सी जाति विकसित है और कौन सी जाति अविकसित है? यह देश में सकारात्मक कार्रवाई और न्याय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि आपने ओबीसी के आरक्षण को सिर्फ 27 प्रतिशत पर रोक दिया है, यह पर्याप्त नहीं है।
केरल की बैठक का दिया हवाला
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक ओवैसी ने जाति जनगणना के लिए सरकार की मंशा और समय सीमा पर भी सवाल उठाए। ओवैसी ने कहा कि वे भाजपा से जानना चाहते हैं कि आप इसे कब शुरू करेंगे और कब तक पूरा करेंगे, क्या इसकी रिपोर्ट 2029 के संसदीय चुनावों से पहले आएगी या नहीं? केरल में आयोजित आरएसएस की बैठक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए (जिसमें जाति जनगणना के विचार पर चर्चा की गई थी) ओवैसी ने कहा कि उस बैठक में भी उन्होंने जाति जनगणना कराने की बात की थी। हम जानना चाहते हैं कि सरकार जनगणना कब शुरू करेगी और यह कब पूरी होगी और इसका डेटा देश के सामने कब पेश किया जाएगा?
#WATCH | Hyderabad, Telangana: AIMIM chief and MP Asaduddin Owaisi says, “There should be a caste census so that it can be known which caste is developed and which caste is underdeveloped… This is very important for affirmative action and justice in the country, because you… pic.twitter.com/RnQwjOgXeM
— ANI (@ANI) May 1, 2025
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जयराम रमेश ने भी साधा निशाना
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक मामले में कांग्रेस सांसद जयराम रमेश का बयान भी सामने आया है। रमेश ने आगामी जनगणना में जाति गणना के लिए एक स्पष्ट रोडमैप और समय सीमा तय करने की मांग की। रमेश ने गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वे बिना समय सीमा के केवल हेडलाइन दे रहे हैं। राहुल गांधी भी कह चुके हैं कि हेडलाइन तो दे दिया, लेकिन डेडलाइन कहां है? प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए रमेश ने सरकार की मंशा और तैयारियों पर सवाल उठाए। उन्होंने योजना के लिए अपर्याप्त बजट आवंटन को लेकर भी निशाना साधा।
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