तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। इससे पहले राज्य में भाषा और परिसीमन को लेकर सियासी विवाद जोरों पर हैं। इस बीच मंगलवार को दिल्ली में बड़ा सियासी घटनाक्रम हुआ। दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से एआईएडीएमके के महासचिव के पलानीस्वामी ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद ये कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी और एआईएडीएमके बीच गठबंधन हो सकता है। सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं के बीच 15 मिनट की बैठक चली। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई। आइये जानते हैं इस मुलाकात के सियासी मायने क्या है?
गठबंधन के रखी खास शर्तें
सूत्रों की मानें तो राज्य में तेजी से बदलते राजनीति हालात के बीच एआईएडीएमके ने बीजेपी से गठबंधन के लिए कुछ खास शर्तें रखी हैं। एआईएडीएमके ने इस बार पर जोर दिया है कि 2026 में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में तमिलनाडु में गठबंधन का नेतृत्व एआईएडीएमके करेगी। इसके साथ ही एआईएडीएमके ने प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलाई की भूमिका को कम करने की बात भी कही है। एआईएडीएमके चाहती है कि प्रदेश में विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व वह करें न कि बीजेपी।
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समान विचारधारा वाले नेताओं को साथ आना होगा
बैठक के दौरान एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता एसपी वेलुमणि और केपी मुनुसामी ने भी हिस्सा लिया। बता दें कि पलानीस्वामी कह चुके हैं कि प्रदेश में डीएमके को हराने के लिए समान विचारधारा वाले नेताओं को साथ आना होगा। ऐसे में अब जब ये बैठक हुई है तो इसके कई मायने निकाले निकाले जा रहे हैं।
बता दें कि दोनों पार्टियों ने मतभेद के चलते 2023 में गठबंधन तोड़ दिया था। अब विधानसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियां एक बार फिर गठबंधन करना चाहती है। हालांकि इसको लेकर अभी दोनों ओर से कोई बयान सामने सामने नहीं आया है।
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